उज्जैन, अग्निपथ। शहर में बढ़ते हुए अपराधों के पीछे कहीं ना कहीं स्मैक-शराब जैसे खतरनाक नशीले पेय पदार्थों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता अधिकांश छोटी-मोटी चोरी एवं मारपीट की घटनाओं को नशे के आदी लोगों द्वारा अंजाम दिया जाना देखा गया है। ऐसे लोगों के कारण कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं वही समाज पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि इसे रोकने वाली शहर की एकमात्र संस्था जागृति नशा मुक्ति केंद्र कभी भी बंद किया जा सकता है।
अखिल भारतीय सामाजिक स्वास्थ्य संघ द्वारा विगत 22 वर्षों से जागृति नशा मुक्ति केंद्र का संचालन मक्सी रोड पर नगर निगम जोन कार्यालय पर संचालित किया जा रहा है। इस संस्था के अध्यक्ष चिंतामन गहलोत एवं सचिव पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक पारस जैन, उपाध्यक्ष डॉ. जी डी नागर जैसी हस्तियों के होने के बाद भी भ्रष्टाचार एवं अव्यवस्थाओं का शिकार होने के कारण अब इस केंद्र पर कभी भी तालाबंदी से इनकार नहीं किया जा सकता।
वेतन से 25 प्रतिशत वसूली करने से कर्मचारियों में नाराजगी
संस्था में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के बारे में सुन आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे की एक सामाजिक संस्था में ऐसा भी होता है। संचालन के लिए संस्था के कर्मचारियों का मानदेय मरीजों के इलाज दवाई आदि का अनुदान केंद्र सरकार से मिलने के बावजूद भी संस्था द्वारा कर्मचारियों के वेतन में से 25 प्रतिशत राशि काटी जाकर उन्हें मानदेय का भुगतान किया जाता है।
मरीज के इलाज-भोजन का पैसा सरकार देती है, वसूलते हैं परिजनों से
नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती मरीजों के भोजन की व्यवस्था संस्था को करना होती है फिर भी वहां भर्ती मरीजों के परिजनों से भोजन आदि का भुगतान लिया जाता है संस्था में कार्यरत कर्मचारियों को वर्ष 2020-21 एवं 2021 -22 का मानदेय अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए एवं विगत कई माह से मरीजों के नहीं होने के अलावा कोरोना काल में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण करने पर एक भी मरीज वहां नहीं मिलने से उनके द्वारा केंद्र को बंद करने की अनुशंसा केंद्र सरकार से की है।
इंदौर भेज रहे इलाज के लिए
केंद्र सरकार के प्रतिनिधि सांसद अनिल फिरोजिया एवं कलेक्टर आशीष सिंह के प्रयासों से ही शहर का एकमात्र जागृति नशा मुक्ति केंद्र बंद होने से बच सकता है। साथ ही जरूरत है पुलिस प्रशासन द्वारा अपने थाना क्षेत्रों के आदतन नशा करने बालों को नशा मुक्ति केंद्र तक पहुंचाने की। आज भी शहर के कई परिवारों के ऐसे सदस्य हैं जो नशा करने के आदी है। उन्हें अव्यवस्था के शिकार जागृति नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती ना करके इंदौर स्थित ऐसे केंद्रों पर भारी राशि देकर भर्ती कराया जा रहा है।