महाकालेश्वर मंदिर में ना कोई बोर्ड, ना इंफरमेशन देना वाला
आम श्रद्धालुओं को 1 से 4 बजे तक गर्भगृह से होंगे दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया है। जिसके चलते श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। यहां तक कि 1500 की अभिषेक रसीद गर्भगृह में जाने की आम श्रद्धालुओं के लिए शुरू तो कर दी गई है, लेकिन जानकारी के अभाव में श्रद्धालु पेंट शर्ट पहनकर गर्भगृह में जाने के लिए पहुंच रहे हैं। इनको जब जानकारी मिलती है, तब तक समय अभिषेक करने का समय निकल चुका होता है। ऐसा ही मामला रविवार से नई व्यवस्था लागू करने के पहले ही दिन सामने आया।
मंदिर प्रशासन ने 1500 रुपए की अभिषेक रसीद आम श्रद्धालुओं को लेकर गर्भगृह में अभिषेक करने की व्यवस्था तो शुरू कर दी, लेकिन इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि परंपरा का पालन करवाने के लिए जानकारी देना भी आवश्यक है।
परंपरानुसार गर्भगृह में प्रवेश के लिए पुरुष श्रद्धालु को सोला, धोती और महिला श्रद्धालु को साड़ी पहनना जरूरी है। लेकिन इसकी जानकारी के बोर्ड अथवा श्रद्धालुओं को गाइड करने के लिए किसी को भी नहीं लगाया गया है। जानकारी के अभाव में रविवार को श्रद्धालु पेंट शर्ट पहनकर गर्भगृह की ओर जाते रहे। लेकिन मंदिर के अंदर जब उनको जानकारी मिली तब तक गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया गया था।
3 की जगह 1 घंटा कर दिया दोपहर का समय
मंदिर प्रशासन द्वारा अभी तक 1500 रुपए की अभिषेक रसीद से श्रद्धालुओं को सुबह 6 से 9, दोपहर में 1 से 4 और शाम को 6 से 8 बजे तक गर्भगृह में जाने की व्यवस्था प्रदान कर रहा था। लेकिन रविवार से इस दर्शन व्यवस्था को बदल दिया गया। इस दिन सुबह 6 से 9, दोपहर 12 से 1 और शाम को गर्भगृह में प्रवेश का समय 6 से 8 बजे तक का कर दिया गया।
नई व्यवस्था की जानकारी कई कर्मचारियों को भी नहीं थी। लिहाजा दोपहर 12 से 1 बजे के एक घंटे के समय में 1500 की अभिषेक रसीद लेकर भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन पेंट शर्ट बदलकर सोला पहनने की जानकारी कई श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाई। लिहाजा वे ऐसे ही टिकट लेकर मंदिर में प्रवेश कर गए।
आम श्रद्धालु 1 से 4 बजे तक कर सकेंगे दर्शन
पेंट शर्ट पहने श्रद्धालुओं ने अभिषेक रसीद तो कटवा ली लेकिन जब उनको मालूम हुआ कि गर्भगृह में प्रवेश के लिए सोला पहनना आवश्यक है तो वे सोला पहनने के लिए 4 नंबर गेट पहुंचे। तब एक घंटे का समय समाप्त हो गया था। ऐसे में निराश श्रद्धालु मंदिर प्रशासन को कोसते हुए दर्शन को चले गए।
ज्ञातव्य रहे कि नई दर्शन व्यवस्था के तहत दोपहर 1 से 4 बजे तक का समय आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए कर दिया गया है। शनिवार, रविवार और सोमवार सहित अन्य दिनों में यदि श्रद्धालुओं की भीड़ होती है तो आम श्रद्धालुओं के गर्भगृह से उक्त समयावधि में दर्शन बंद रहेंगे।
जानकारी के अभाव में निकट से दर्शन नहीं कर पाए
कलकत्ता से दो श्रद्धालु नवल किशोर सर्राफ और महेश धानुका परिवार सहित आए हुए थे। वे भगवान महाकाल के पास से दर्शन करना चाहते थे। फलस्वरू उन्होंने 250 रुपए की शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर दर्शन किए। लेकिन जब उनको इस बात की जानकारी मिली कि 1500 रुपए शुल्क लेकर दो लोग गर्भगृह में भगवान का अभिषेक कर सकते हैँ तो वे अपने को ठगा सा महसूस करने लगे।
उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मंदिर में हर जगह लगी होना चाहिए कि 1500 रुपए की अभिषेक रसीद से भगवान के निकट से दर्शन होते हैं। वे कलकत्ता से इसी बात पर उज्जैन आए थे कि उनको भगवान के निकट से दर्शन होंगे। लेकिन जानकारी नहीं मिलने के कारण उनको दूर से दर्शन करना पड़े। उनको कहना था कि मंदिर में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।