बगीचों की अनुमति के लिए स्कूलों से वसूलेंगे किराया

नगर निगम ने तय किए नियम, स्कूल संचालकों को देना होंगे 5 हजार रूपए

उज्जैन, अग्निपथ। स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त करने के लिए शहर के जो निजी स्कूल अपने आसपास के नगर निगम के बागीचे बच्चों के उपयोग के लिए दर्शा दिया करते थे, उनके लिए अब नगर निगम उद्यान प्रभारी का अनुमति पत्र प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। नगर निगम से स्कूल संचालको को अनुमति पत्र भी ऐसे ही नहीं मिलेगा, इसके लिए नगर निगम ने सालाना शुल्क और कई सारे नए नियम तय दिए है।

विकासखंड स्त्रोत समन्वयक उज्जैन द्वारा सभी अशासकीय स्कूलों के संचालको और संस्था प्रभारियों को 28 फरवरी को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में सभी से कहा गया है कि वे नगर निगम की उद्यान प्रभारी से अनुमति पत्र प्राप्त करने के उपरांत मान्यता संबंधी कार्यवाही करे। उद्यान प्रभारी की अनुमति नहीं होने की दशा में मान्यता खटाई में पड़ सकती है।

नगर निगम ने भी स्कूल संचालकों को उद्यान उपयोग की अनुमति देने से पहले अपने कुछ नियम कर लिए है। तय किया गया है कि जिस भी स्कूल संचालक को उद्यान उपयोग की अनुमति दी जाएगी, उससे सालाना 5 हजार रूपए शुल्क वसूला जाएगा। नगर निगम ने इसके अलावा भी उद्यान उपयोग की अनुमति देने के लिए 9 और नियम तय किए है।

उद्यान की अनुमति के नियम

  • स्कूल संचालकों को अपने व्यय पर उद्यान संधारण के लिए माली रखना होगा या माली पर होने वाले व्यय को वहन करना होगा।
  • उद्यान में यदि कोई टूट-फूट होती है तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल संचालक की होगी।
  • स्कूल के विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोगों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकेगा।
  • किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होगा।
  • उद्यान में खेलकूद के अलावा सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी।
  • सिंचाई के लिए मोटर, पाईप, खेलकूद उपकरण रख-रखाव, रंग रोगन का खर्च स्कूल को वहन करना होगा।
  • उद्यान को सार्वजनिक रूप से खोलने व बंद करने का समय निर्धारित करने से पहले नगर निगम को इसकी जानकारी देना होगी।
  • किसी भी प्रकार की गंदगी करने पर नियमानुसार जुर्माना देना होगा।
  • किसी भी शर्त का उल्लंघन किया तो स्वीकृति निरस्त हो जाएगी।

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