उज्जैन में मिले 28 प्रतिशत फर्जी गरीब

21 हजार परिवार होंगे बीपीएल सूची से बाहर, राशन पोर्टल से भी हटाएंगे नाम

उज्जैन, अग्निपथ। शहर में गरीबी रेखा सर्वे सूची(बीपीएल) में शामिल 28 प्रतिशत से ज्यादा परिवार फर्जी निकले है। बीपीएल सूची के नियमों के मुताबिक जिन्हें इसकी पात्रता भी नहीं थी, उनके नाम भी बीपीएल सूची में शामिल थे।

कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर में निवास करने वाले 21 हजार 218 फर्जी बीपीएल धारियों के नाम सर्वे सूची से हटाने के आदेश जारी कर दिए है। सहकारी राशन दुकानों से राशन लेने के लिए जारी इनकी पात्रता पर्ची भी निरस्त कर दी जाएगी।

उज्जैन शहर के 54 वार्डो में कुल 74 हजार 100 बीपीएल परिवार रजिस्टर्ड थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने वार्डवार टीम गठित कर इन सभी की पात्रता की जांच करवाई। जांच टीम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, नगर निगम कर्मचारी और स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मदद ली गई थी।

अलग-अलग वार्डो के लिए गठित जांच टीमों ने एसडीएम शहर व एसडीएम कोठी महल को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर अब कलेक्टर आशीष सिंह ने दोनों एसडीएम को अपात्र 21 हजार 218 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने के निर्देश जारी किए है।

अब पात्रता पर्ची की होगी जांच

बीपीएल सूची से बाहर किए गए अधिकांश परिवार अब तक सहकारी राशन दुकान से पात्रता पर्ची के आधार पर सस्ता राशन लेते रहे है। कलेक्टर ने सभी फर्जी बीपीएल वाले परिवारों के नाम एम-राशन मित्र पोर्टल से हटाने को कह दिया है। नगर निगम और जिला आपूर्ति विभाग का अमला अब इनकी पात्रता पर्चियों की जांच करेगा।

बीपीएल सूची से हटाए गए ऐसे परिवार जो शासन द्वारा निर्धारित हाथ ठेला चालक, कामकाजी महिला आदी जैसी केटेगरी में आते है तो उनकी पात्रता पर्ची बरकरार रखी जाएगी, शेष की राशन पात्रता पर्ची निरस्त कर दी जाएगी।

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