कंट्रोल वालों की हड़ताल खत्म लेकिन 4 दिन नहीं खुलेंगी राशन दुकानें

सहकारी राशन दुकान संचालकों की सभी मांगों पर सहमति, प्रशासन हटाएगा पोर्टल से अपात्रों के नाम

उज्जैन, अग्निपथ। शहरी क्षेत्र के सहकारी राशन दुकान (कंट्रोल) संचालकों की हड़ताल बुधवार से समाप्त हो गई है। जिला आपूर्ति नियंत्रक के साथ हुई बैठक के बाद राशन दुकान संचालकों की ज्यादातर मांगो पर सहमति बन गई। हड़ताल भले ही समाप्त हो गई लेकिन सहकारी दुकानों से आम उपभोक्ताओं को राशन लेने के लिए 4 दिन इंतजार करना होगा। दुकानें अब सोमवार को ही खुलेंगी।

शहरी क्षेत्र के 74 हजार 100 बीपीएल परिवारों में से 21 हजार 218 बीपीएल परिवारों को पिछले दिनों जिला प्रशासन ने अपात्र घोषित किया है। शहर की 126 सहकारी राशन दुकानों के संचालकों से कहा गया था कि अपात्र परिवारों को राशन का वितरण नहीं करे। इस आदेश की वजह से राशन दुकानों के बाहर विवाद की स्थितियां बनने लगी थी।

शहर के सभी राशन दुकानों के संचालकों ने सोमवार से हड़ताल आरंभ कर दी थी। इनका पक्ष था कि हम किसी को राशन देने से मना नहीं करेंगे, प्रशासन ने जिन्हें अपात्र घोषित किया है, उनके नाम प्रशासन ही पोर्टल से हटाए। बुधवार को उचित मूल्य दुकानदार कल्याण महासंघ के संरक्षक श्रीराम तिवारी, अध्यक्ष शरद जैन, सचिव भरत गोविंदानी, सदस्य महेंद्र शर्मा सहित अन्य लोग राज्य खाद्य आयोग सदस्य किशोर खंडेलवाल से उनके सुभाष नगर स्थित निवास पर मिले।

खंडेलवाल ने फोन पर जिला आपूर्ति नियंत्रक एम.एल. मारू के साथ बात की। इसके बाद सभी राशन दुकान संचालक आपूर्ति नियंत्रक से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे। यहां सभी मुद्दो पर आपसी सहमति के बाद राशन दुकान संचालक हड़ताल खत्म करने के लिए राजी हो गए।

जिला आपूर्ति नियंत्रक ने राशन दुकान संचालकों से पिछले महीने की बिक्री की एक्सल शीट मांगी है। गुरू, शुक्र और शनिवार को सभी राशन दुकान संचालक पिछले महीने का डेटा तैयार करेंगे लिहाजा दुकानों से राशन वितरण की शुरूआत दोबारा सोमवार से ही आरंभ हो सकेगी।

इन बातों पर सहमति

  • अपात्र हुए 21 हजार 218 परिवारों की राशन पात्रता पर्ची को एम-राशन मित्र पोर्टल से प्रशासनिक टीम द्वारा डिलिट किया जाएगा। इसके बाद सभी अपात्र स्वत: ही राशन लेने से अपात्र हो जाएंगे। राशन दुकान संचालकों पर किसी तरह की बात नहीं आएगी लिहाजा उनका आम लोगों से विवाद नहीं होगा।
  • एम-राशन मित्र पोर्टल से अपात्रों के नाम हटाने का जिम्मा नगर निगम कर्मचारियों के पास रहेगा, राशन दुकान संचालक केवल इस काम में मदद करेंगे। उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
  • सिंहस्थ- 2016 और कोविड काल में वितरित हुए अनाज के एवज में प्रत्येक दुकानदार का 30 से 40 हजार रूपए कमिशन बकाया है, इसे 15 दिन की अवधि में दुकानदारों को दिलाया जाएगा।
  • सभी उपभोक्ताओं की ई-केवायसी पूरी करने के काम में जल्दबाजी नहीं होगी। दुकानदार अपनी सुविधा के हिसाब से इस काम को पूरा करेंगे।

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