फेसबुक पर बना रखी थी आईडी, बागानों के भेजे थे वीडियो
उज्जैन, अग्निपथ। तरबूज से भरे ट्रक का सौदाकर सवा लाख की ठगी करने वाला राज्य सायबर सेल पुलिस की गिर त में आया गया। कर्नाटक से उज्जैन लाने के बाद सोमवार को मामले का खुलासा किया गया है। तीन सालों में उसने 15 लोगों के साथ धोखधड़ी की है। उसके खाते से 1 करोड़ 60 लाख का ट्रांजेक्शन होना सामने आया है।
राज्य सायबर सेल निरीक्षक नरेन्द्र गोमे ने बताया कि कर्नाटक के बैलगाम से शातिर ठग मोहम्मद अजहर पिता मोइनुद्दीन को गिरफ्तार कर उज्जैन लाया गया है, जो फलों का सौदागर बनकर लोगों के साथ हजारों लाखों की ठगी को अंजाम देता था। पूछताछ में उसने वर्ष 2017 से अब तक 15 लोगों के साथ 23 लाख से अधिक की धोखाधड़ी करना कबूल किया है।
गोमे के अनुसार शातिर ठग ने कई बैंकों में खाते खुलवा रखे थे। जिसमें से 6 बैंक खातों से 1 करोड़ 60 लाख का ट्रांजेक्शन होना सामने आया है। उसके द्वारा फेसबुक पर फ्रूट्स बीएफसी बागवान कंपनी नाम से फ्रूट मर्चेंट नाम से आईडी बना रखी थी। उसकी चार अन्य फर्जी फेसबुक आईडी भी सामने आई है। जिस पर फलों के बगीचों के फोटो और विडियों अपलोड करने के साथ फर्जी मोबाइल नंबर डाल रखे थे। लोगों को शिकार बनाने के बाद उक्त नंबरों को बंद कर देता था।
ठग मंहगे और नए मोबाइल फोन चलाने का शौकीन है। उसके पास से 2 सेमसंग कंपनी के मोबाइल कीमत 95 हजार, एक कीपेड मोबाइल, चार सिम कार्ड जब्त किये गये हैं। जिसके माध्यम से वह फेसबुक आईडी चलाता था। उज्जैन के जामा मस्जिद के पास सब्जी मंडी में रहने वाले सलमान राईन के साथ उसने 1 लाख 13 हजार की ठगी को 5 माह पूर्व अंजाम दिया था। कर्नाटक के ठगोरे पर धारा 419, 420, 201 भादंवि एवं 66-डी आईटीएक्ट में मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया है।
तरबूज से भरे ट्रक का किया था सौदा
निरीक्षक गोमे ने बताया कि सलमान राईन ने जून माह में फेसबुक पर फ्रूट्स बीएफसी बागवान कंपनी की आईडी देखी थी, जिस पर अनार, तरबूज, नारियल और अन्य फलों के फोटो और विडियों के साथ दर्ज मोबाइल नंबर पर संपर्क कर तरबूज से भरे ट्रक का सौदा किया था। तरबूज का सौदा करने वाले ने सलमान के वाट्सएप पर नागपुर तक ट्रक आने की ट्रांसपोर्ट पर्ची और बिल भेजा था। उसके बाद अपने खाते में 1.13 लाख रुपये जमा कराये थे। 2 दिन बाद भी ट्रक उज्जैन नहीं पहुंचा तो मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया। जो बंद हो चुका था। धोखाधड़ी का अहसास होने पर मामले की शिकायत राज्य सायबर सेल में दर्ज कराई गई थी।
खुद 2 बार ठगा जा चुका है आरोपी
कर्नाटक के ठग ने राज्य सायबर सेल पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसके पिता भी फलों का काम करते है। उसे 3 साल पहले 2 बाद दिल्ली और चंडीगढ़ के लोगों ने ठग लिया था। कर्नाटक और महाराष्ट्र के कई युवा फेसबुक और वाट्सएप के माध्यम से फ्रूट मर्चेंट की आईडी बनाकर ठगी करते हैं। खुद ठगाने के बाद उसने भी धोखाधड़ी करना शुरू कर दिया।
सोलापुर-आंध्रप्रदेश से लाता था सिम
निरीक्षक गोमे ने बताया कि शातिर ठग वारदातों को अंजाम देने के लिये सोलापुर, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से फर्जी मोबाइल सीम खरीदकर लाता था और कर्नाटक में बैठकर लोगों को अपना शिकार बनाता था। उसे पकडऩे के लिये 4 दिनों तक एसआई अमित परिहार, प्रधान आरक्षक हरेन्द्रपालसिंह राठौर और आरक्षक कमलाकर उपाध्याय को काफी मशक्कत करना पड़ी।