एक घंटे श्रद्धालुओं के लिए खोला गर्भगृह, दो दिन से लगातार करवाए जा रहे दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था देने की शुरुआत मंदिर प्रशासन कर चुका है। लेकिन गर्भगृह से दर्शन खुलने का प्रचार प्रसार हो जाने के कारण गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु नियत समय पर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। भीड़ अधिक हो जाने के कारण निर्धारित समय से पहले ही मंदिर प्रशासन को दर्शन बंद करना पड़े।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना के चलते श्रद्धालुओं के दर्शन बंद कर दिए गए थे। इसके बाद श्रद्धालुओं के दर्शन तो खोल दिए गए लेकिन आम श्रद्धालुओं को बेरिकेडिंग से ही दर्शन करवाए जाते रहे। इधर 1500 रुपए की अभिषेक रसीद से गर्भगृह से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जाते रहे। आम श्रद्धालुओं को 80 फीट दूर से बेरिकेडिंग से दर्शन कराए जा रहे थे।
जिसके चलते आम श्रद्धालुओं को भगवान के निकट से दर्शन करने की व्यवस्था मिल नहीं पा रही थी। आम श्रद्धालु चाहता था कि उसको भी भगवान महाकाल के निकट से दर्शन मिलना चाहिए। श्रद्धालुओं की मंशा देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा इस व्यवस्था को महाशिवरात्रि पर्व से ही लागू कर दिया गया था।
इसके बाद मंदिर में भीड़ अधिक होने के कारण आम श्रद्धालुओं को नियत अवधि दोपहर 1 से 4 बजे के बीच दर्शन नहीं करवाए गए। लेकिन विगत बुधवार को श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई वैसे ही मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने दोपहर 1 बजे गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था शुरू करवा दी थी। बुधवार को काफी समय तक आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के निकट से दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
खबर लगी तो भीड़ बढ़ी
महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन करवाए जा रहे हैं। यह प्रचारित प्रसारित होने के कारण गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दोपहर 1 बजे के लगभग महाकालेश्वर मंदिर में आम लोगों की लाइन में लग गए थे। दोपहर 1.30 बजे के लगभग आम श्रद्धालुओं के दर्शन गर्भगृह से शुरू किए गए। लेकिन श्रद्धालुओं की लाइन इतनी लंबी हो गई थी कि आखिरकार मंदिर प्रशासन को बढ़ती हुई भीड़ के मद्देनजर दोपहर 2.30 बजे यह दर्शन व्यवस्था बंद करना पड़ी।
250 टिकट धारी का प्रवेश मार्ग लंबा
250 रुपेश शीघ्र दर्शन टिकट धारियों को 4 नंबर गेट से प्रवेश दिया जा कर विश्राम धाम और मार्बल गलियारा होते हुए छह नंबर गेट से होते हुए कार्तिकेय मंडपम और फिर यहां से गणपति मंडपम की बेरी कटिंग में प्रवेश कराया जा रहा है जिसके चलते वीआईपी टिकट पर सवाल उठा रहा है श्रद्धालुओं का कहना है कि जब उनसे पैसे अधिक लिए जा रहे हैं तो उनका रास्ता छोटा क्यों नहीं किया जा रहा है।