पैरोल पर मिली रिहाई में देरी से भडक़ा गुस्सा
उज्जैन, अग्निपथ। केन्द्रीय जेल के बाहर गुरुवार शाम बंदियों के परिजनों ने हंगमा खड़ा कर दिया। सुबह से परिजन पैरोल पर मिली अपनों की रिहाई का इंतजार कर रहे थे।
भैरवगढ़ जेल में सजा काट रहे 46 बंदियों को पैरोल पर रिहाई मिली थी। सुबह से अलग-अलग जिले से आये परिजन अपनों को लेने के लिये जेल के बाहर जमा हो गये थे। इस बीच इंतजार करते हुए शाम हो गई। जेल प्रशासन ने किसी को रिहा नहीं किया था। अंधेरा ढलने पर परिजनों का गुस्सा भडक़ गया और उन्होने जेल गेट के बाहर हंगामा करना शुरु कर दिया।
करीब आधे घंटे तक परिजन जेल प्रशासन पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे। उन्होने जेल के बाहर चक्काजाम का प्रयास किया। बंदियों के परिजनों द्वारा किये जा रहे हंगामे पर जेल अधीक्षक उषाराजे उन्हे समझाने पहुंची और शासकीय कार्य होने पर देरी का हवाला दिया।
कुछ लोगों ने पैसे मांगने का आरोप लगा दिया। जिस पर जेल अधीक्षक ने आरोपों को नकारते हुए सभी को कुछ देर में रिहा करने की बात कहीं। रात 9 बजे के लगभग पैरोल मिलने वालों को जेल गेट से बाहर निकाला गया। जिसके बाद परिजनों को आक्रोश शांत हुआ।
इनका कहना
जेल में अच्छा आचरण करने वालों को पैरोल पर रिहा करने की अनुमति जारी की गई थी। शासकीय कार्य होने और दस्तावेजों की लिखा पढ़ी करने में देरी हो रही थी। 46 बंदियों को कार्रवाई पूरी होने के बाद छोड़ा गया है। -उषा राजे, जेल अधीक्षक