उज्जैन, अग्निपथ। कृषि कानून को लेकर मंगलवार को होने वाली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सभा से एक दिन पहले उज्जैन आए प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसान संगठनों और आंदोलन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि देश में कुकुरमुत्तों की तरह किसान संगठन उग आए हैं। वर्तमान में 500 से अधिक किसान संगठन हैं। ये किसान हितैषी नहीं हैं। ये विपक्ष और बिचौलयों के बनाए संगठन हैं। विदेशी ताकतें, जो देश को मजबूत नहीं होने देना चाहतीं, उनके संरक्षण में ऐसे संगठन फलफूल रहे हैं। ये देश और सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। किसान जनजागरण अभियान के माध्यम से इनका पर्दाफाश होना जरूरी है।
मंत्री पटेल ने कहा कि नए कृषि कानून को लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता दोनों कन्फ्यूज्ड हैं। किसानों को बताया जा रहा है कि मंडिया बंद हो जाएंगी। उद्योगपति लूट लेंगे। उन्हें यह नहीं पता कि यह कानून बिचौलियों से किसानों को बचाने के लिए है। उद्योगपतियों से मुक्ति दिलाने का कानून है।
मध्यप्रदेश में किसान खुशहाल होंगे
कांग्रेस की सरकारों की गलत नीतियों के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे, लेकिन अब खेती लाभ का व्यवसाय बनेगी। किसान का अनाज कौड़ी के भाव खरीदने को तैयार नहीं था। अब गांवों में उद्योग लगेंगे। आजादी के बाद पहली बार खेती के आधारभूत ढांचे में बदलाव के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए दिए हैं। कृषि उत्पादक समूह बनाकर किसानों की आय बढ़ाएंगे। 766 एफपीओ बनाए जाएंगे। समूह के किसानों को बैंक लोन देगी। तीन प्रतिशत लोन में ब्याज की भी छूट मिलेगी।
किसानों को एमएसपी नहीं एमआरपी की गारंटी दे रहे
मंत्री ने कहा कि कानून में किसानों को एमएसपी की चिंता करने की जरूरत नहीं। सरकार किसानों को एमएसपी नहीं एमआरपी की गारंटी देगी। किसान अब खेती भी करेगा। व्यापार भी करेगा। निर्यात भी करेगा, उद्योग भी लगाएगा और उद्योगपति बनेगा। अब तक शहर के मुट्ठी भर लोग उद्योगपति थे।