धन्वन्तरि चिकित्सालय में स्वर्णप्राशन 14 मार्च को

उज्जैन, अग्निपथ। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत पुष्य नक्षत्र 14 मार्च सोमवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा, जिसके लिये रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपये निर्धारित है।

इस स्वर्णप्राशन कार्यक्रम की प्रभारी अधिकारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गीता ने विस्तार से बताते हुये कहा कि शासन के निर्देशानुसार अब भविष्य में भी स्वर्णप्राशन कार्यक्रम हर माह होगा।

आयर्वेद विशेषज्ञों की देखरेख में प्रतिदिन भी स्वर्णप्राशन कराने से शारीरिक एवं मानसिक विकास हेत अपेक्षित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इस संबंध में भारत सरकार से शीघ्र ही प्रोटोकाल जारी होने की संभावना है।

गौरतलब है कि स्वर्णप्राशन में दिये जाने वाली औषधियां बच्चों के बुद्धि, बल और आय को बढ़ाते हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शिशु को बार-बार बीमार होने से बचाते हैं। वर्तमान आधुनिक युग में आम जनता का विश्वास आयुर्वेद के प्रति बढ़ रहा है।

विभागाध्यक्ष एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वेदप्रकाश व्यास ने माता-पिता एवं अभिभावकों से अपील की है कि शिशु के स्वास्थ्य संवर्धन हेतु शिशु को प्रतिमाह स्वर्णप्राशन अवश्य करवाएं। महाविद्यालयीन चिकित्सालय में कुपोषण नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित है तथा बच्चों के सभी रोगों के लिये आयुर्वेदीय औषधि के साथ-साथ आहार तथा आदर्श जीवनशैली हेतु परामर्श दिये जाते हैं।

चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर.एम.ओ. डॉ. हेमंत मालवीय के निर्देशन में यह स्वर्णप्राशन कार्यकम 14 मार्च सोमवार को प्रात: 10 से प्रारम्भ होगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

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