1500 रुपए के अभिषेकधारी हो रहे परेशान

Mahakal sola badalna 11 03 22

अव्यवस्था : मोबाइल-पर्स रखने के लिए आलमारी तक नहीं, श्रद्धालु गर्मी से हो रहे परेशान

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अभी तक 1500 रुपए अभिषेक रसीद वाले श्रद्धालुओं को सोला और साड़ी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सोला बदलने वाले शेड का मामला ही देख लें तो यहां पर श्रद्धालु गर्मी में परेशान हो रहे हैं, लेकिन पंखे लगाए जाने ेके आदेश हवा हो गए हैं। वहीं शेड में आलमारी तक की व्यवस्था मंदिर प्रशासन नहीं दे पाया है। ऐसे में मोबाइल-पर्स पहले लॉकर में जमा कराने के बाद सोला पहनकर श्रद्धालु को गर्भगृह में जाना पड़ेगा।

दैनिक अग्निपथ ने सोला बदलने वाले शेड का मामला उठाते हुए यहां पर सोला, धोती, साड़ी की कमी बताई थी। लिहाजा इसकी कमी अभी तक पूरी नहीं की गई है। जबकि मंदिर दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में 1500 रुपए अभिषेक रसीद लेकर गर्भगृह में जाने वाले श्रद्धालु अव्यवस्था से खासे परेशान हैं।

श्रद्धालु 4 नंबर गेट पर बने दो शेडों में अपने कपड़े बदलकर सोला धोती और साड़ी पहन रहे हैं। लेकिन गर्मी का प्रारंभिक दौर शुरू होने के चलते शेड में पंखे नहीं लगे होने के कारण वे पसीना पसीना हो रहे हैं। यहां पर ड्यूटी दे रहे कर्मचारी भी इसको लेकर खासे परेशान हैं। उनको यहां पर रहकर 8 घंटे की ड्यूटी इसी गर्मी में देना पड़ रही है।

कहां लगाने हैं….पंखे

जानकारी में आया है कि दैनिक अग्निपथ में प्रकाशित खबर के बाद मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने यहां पर पंखे आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश अपने मातहतों को दिए थे। इसके बाद प्रशासनिक भवन में बैठने वाले अधिकारी और इलेक्ट्रिशियन भी इन शेडों का निरीक्षण करने आए थे।

उन्होंने कर्मचारियों से पंखे की संख्या और लगाने की जगह बताने को कहा था। यह भी जानकारी में आया है कि इलेक्ट्रिशियन ने गाडर फर्शी होने के कारण पंखा लगाने से मना कर दिया था।

सोला और साड़ी अभी भी नहीं आए

खबर में यह भी प्रकाशित किया गया था कि भीड़ बढऩे पर श्रद्धालुओं को सोला और साड़ी के लिए 15 से 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में मंदिर प्रशासन को इनकी अतिरिक्त व्यवस्था करना चाहिए। लेकिन काफी समय से यही व्यवस्था यहां पर लागू हैं। इसमें कोई भी आमूलचूल परिवर्तन नहीं किया गया है।

मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर से सोला और साड़ी घर ले जाने की व्यवस्था भी बनाने का कहा था। लेकिन इसको मूर्तरूप दिए जाने के प्रयास शुरू नहीं किए गए हैं।

आलमारी नहीं, लॉकर में रखना होंगे मोबाइल-पर्स

1500 की रसीदधारी श्रद्धालुओं को गर्भगृह में मोबाइल, पर्स, बेल्ट, मोजे ले जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। शुक्रवार को मंदिर प्रशासन द्वारा निकाले गए आदेश में इसका पालन सख्ती से करवाए जाने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन इस आदेश के चलते दोहरी परेशानी से श्रद्धालु को गुजरना पड़ेगा। पहले उसको 4 नंबर गेट पर स्थित लॉकर में अपना मोबाइल, पर्स, बेल्ट, मोजे आदि जमा कराने होंगे और इसके बाद सोला बदलने के लिए शेड में जाना होगा।

यहां पर भी कपड़ों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। बंद आलमारी की जगह जालदार आलमारी यहां पर रखी हुई है। यहां पर आलमारी की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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