सोला और साड़ी की कमी को भी पूरा किया, दैनिक अग्निपथ ने लापरवाही पर साधी थी कलम
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब 1500 रुपए खर्च कर भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शन को जाने वाले श्रद्धालु गर्मी से परेशान नहीं हो सकेंगे। मंदिर प्रशासन ने इसके इंतजाम कर दिए हैं। वहीं सोला और साड़ी के लिए भी उनको अपना समय खराब नहीं करना पड़ेगा। इसकी व्यवस्था भी कर दी गई है। दैनिक अग्निपथ ने अपने 4 और 12 मार्च के अंक में कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाते हुए अव्यवस्था को प्रदर्शित किया था।
1500 रुपए की अभिषेक रसीद से दो श्रद्धालुओं को गर्भगृह से सोला या साड़ी पहनकर प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। भगवान महाकाल के निकट से दर्शन और अभिषेक करने की लालसा लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। मंदिर द्वारा नियत समय सुबह 6 से 9, दोपहर 12 से 1 और सायं 6 से 8 बजे तक दर्शन करवाए जा रहे हैं। लेकिन गर्भगृह में दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को पहले परंपरा अनुसार सोला-धोती और महिलाओं को साड़ी, ब्लाऊज और पेटिकोट पहनने के लिए 4 नंबर गेट पर स्थित महिला और पुरुषों के लिए अलग, अलगम बनाए गए शेडों में अपने कपड़े बदलने के पड़ते हैं। लेकिन सोला और साड़ी पहनने के दौरान श्रद्धालु गर्मी से पसीना पसीना हो जाते हैं।
दैनिक अग्निपथ में 12 मार्च को प्रकाशित खबर
क्योंकि यहां पर पंखे आदि की व्यवस्था नहीं है। इसी को लेकर दैनिक अग्निपथ ने अपने 4 और 12 मार्च को प्रकाशित समाचारों में इन समस्याओं को लेकर समाचार प्रकाशित किया था। आखिरकार मंदिर प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए दोनों शेडों में एक-एक पंखा लगाकर श्रद्धालुओं को राहत प्रदान की है।
नए 30 सोला और 30 साड़ी आईं
समाचार में इस बात को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था कि श्रद्धालुओं के लिए सोला-धोती और साड़ी, ब्लाऊज सहित पेटिकोट की भी कमी है। जिसके चलते उनको दूसरे श्रद्धालुओं के आने तक वहीं पर बैठकर 15 से 20 मिनट इंतजार करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखकर मंदिर प्रशासन ने शनिवार को 30-30 सोला-धोती और 30-30 साड़ी, ब्लाऊज और पेटिकोट नए प्रदान किए हैं।