लोक अदालत में कई परिवार फिर जुड़े

उज्जैन, अग्निपथ। शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में परिवारवाद के कई प्रकरण समझौते के आधार पर निराकृत हुए।

प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय विवेक कुमार गुप्ता के न्यायालय में प्रार्थिया ने प्रतिप्रार्थी पति जो कि पंचमपुरा में रहते हैं, उनके विरूद्ध तलाक की याचिका फरवरी 2022 में प्रस्तुत की थी। इनके जो पुत्र हैं।

लोक अदालत में पीठासीन श्री गुप्ता और प्रशिक्षित मध्यस्थ ठाकुर हरदयाल सिंह एडवोकेट द्वारा दी गई समझाइश के आधार पर उभयपक्षों ने तलाक की याचिका निरस्त कर साथ में रहना स्वीकार किया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आरके वाणी, विशेष न्यायाधीश अश्वाक अहमद खान और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अरविंद कुमार जैन की उपस्थिति में दोनों पक्षकारों ने एक-दूसरे को माल्यार्पण किया और खुशी-खुशी साथ गये।

इसी प्रकार उप प्रधान पीठासीन न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुश्री उषा गेडाम के न्यायालय में शहर के बापू नगर निवासी पति ने महाराष्ट्र के जलगांव निवासी पत्नी के विरूद्ध विवाह की पुनस्र्थापना का प्रकरण विगत नवम्बर-2021 को पेश किया था। उभयपक्ष की दो पुत्रियां हैं जो अपनी मां के साथ रह रही थी। लोक अदालत में दी गई समझाईश के आधार पर दोनों ने साथ में रहना स्वीकार किया। समझौते के आधार पर प्रकरण निराकृत हुआ।

इसी प्रकार अवंतिपुरा निवासी आवेदिका ने अपने पति के विरूद्ध भरण-पोषण आवेदन विगत फरवरी-2021 को पेश किया था। लोक अदालत में दी गई समझाइश के आधार पर दोनों ने साथ में रहना स्वीकार किया। इस तरह नेशनल लोक अदालत में समझाईश दी जाकर कई घर दोबारा बसे।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया शुभारम्भ

शनिवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके वाणी ने जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारम्भ किया। शनिवार को जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय खाचरौद, नागदा, तराना, बडऩगर, महिदपुर में नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। इस दौरान एडीजे/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अरविंद कुमार जैन, विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी अश्वाक अहमद खान, जिला न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी, अंबुज पाण्डेय, आरती शुक्ला पाण्डेय, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अभिषेक नागराज, जिला विधिक सहायता अधिकारी दिलीपसिंह मुझाल्दा, राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष प्रताप मेहता, संतोष प्रसाद शुक्ला एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर अदालत का विधिवत शुभारम्भ किया गया। उल्लेखनीय है कि उक्त लोक अदालत में दीवानी, आपराधिक, चेक बाउस, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, पारिवारिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण, विद्युत प्रकरण, श्रम एवं रोजगार मनी रिकवरी जैसे समस्त राजीनामा योग्य प्रकरण तथा बैंक रिकवरी बिजली एवं जल कर संपत्तिकर संबंधित प्रीलिटिगेशन आदि प्रकरणों का निराकरण सुलह एवं समझौते के माध्यम से किया गया।

इसके अलावा जिन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ उनमें पक्षकारों द्वारा अदा की गई कोर्ट फीस वापस दिलाई गई। समाज में भाईचारे और सौहार्द्र का वातावरण स्थापित हुआ और बिजली, बैंक एवं सम्पत्ति कर प्रकरणों में शासन द्वारा निर्धारित छूट प्रदान की गई।

पीएचई को 45 लाख से अधिक की आय

शनिवार को लोक अदालत के जरिये पीएचई विभाग को 45 लाख 97 हजार 307 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। जल कर, राजस्व के रूप में यह राशि ऑनलाईन और ऑफ लाईन विभाग को प्राप्त हुई है। पीएचई से मिली जानकारी के अनुसार 63 हजार 389 रुपए ऑनलाईन, 4175109 रुपए ऑफ लाईन और 358809 राशि चेक के जरिये विभाग को प्राप्त हुई है।

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