चोरी और सीनाजोरी: हाथ नहीं जोड़ता… थप्पड़ ही थप्पड़ देता..!

उज्जैन, अग्निपथ। होली के पहले प्रशासन ने शांति समिति की बैठक बुलाई थी। सोमवार को बैठक हुई। बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता ने एक मुद्दा उठाया। भाजपा से जुड़े 2 नेताओं पर एफआईआर दर्ज होना का। कड़े शब्दों में नाराजगी दिखाई। वजह … एफआईआर जिन पर हुई, वह भाजपा के साथ-साथ स्वजातीय बंधु भी है। मगर आश्चर्य की बात यह है कि वरिष्ठ भाजपा नेता ने केवल एक पक्ष सुनकर ही आरोप लगा दिये। उन्होंने दूसरे पक्ष के वह वीडियों नहीं देखे। जिनमें दोनों भाजपा नेता महिलाकर्मियों से बदतमीजी से बात करते हुए नजर आ रहे है।

सोमवार को कलेक्टर आशीषसिंह और पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र शुक्ल ने बैठक बुलाई थी। बैठक में निगमायुक्त अंशुल गुप्ता भी मौजूद थे। इसके अलावा बाकी सभी सम्मानित सदस्य भी थे। तभी हमेशा खरी बात बोलने वाले भाजपा नेता रूप पमनानी ने मुद्दा उठाया। जिसका संबंध नगर निगम से था। उन्होंने निगमायुक्त को आड़े हाथों लिया। उनका कहना था कि भाजपा नेताओं दीपक बेलानी और महेश सीतलानी पर एफआईआर दर्ज करवाकर गलत किया।

शासकीय कार्य में बाधा डालने के तहत दोनों पर धारा 353 में प्रकरण दर्ज हुआ है। जिसके चलते भाजपा नेता पमनानी नाराज थे। इसीलिए मुद्दा उठाया और कठोर शब्द कहे। लेकिन उनके इस कदम के बाद भाजपा में ही चर्चा है कि … वरिष्ठ भाजपा नेता को पहले सच का पता कर लेना चाहिये था।

राज की बात …

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के करीबी माने जाते है श्री पमनानी। मगर उनको शायद यह राज की बात पता नहीं थी। घटना वाले दिन आवेदन दोपहर में ही उपयंत्री विधु कौरव ने माधव नगर थाने में दे दिया था। घटना आजाद नगर की है। जिसके बाद उच्च स्तर तक फोन बजने लगे। हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि … उच्च शिक्षा मंत्री को भी वीडियों देखकर पुलिस ने असली सच से अवगत करा दिया था। तब जाकर रात 9 बजे बाद नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी।

यहां यह लिखना जरूरी है कि सत्तादल से जुड़े नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज करना कोई खेल नहीं होता है। तभी तो भाजपा में सुगबुगाहट है कि … मंत्री को जानकारी में लाने के बाद ही प्रकरण दर्ज किया गया।

असली सच …

भाजपा और मीडिया में पमनानी सच और खरा बोलने के लिए जाने जाते है। उन्होंने बैठक में निगमायुक्त को टारगेट किया। उनका कहना था कि … उज्जैन सभ्य और सभ्रांत लोगों का शहर है। यहां पर दादागिरी करके शहर की फिजा बिगाड रहे है। मगर जो वीडियों अग्निपथ के पास मौजूद है। उसमें तो दादागिरी से बात करने वाले भाजपा नेता दीपक बेलानी और महेश सीतलानी नजर आ रहे है।

ऊपर लिखी हेर्डिंग भी उसी वीडियों को देखकर बनाई गई है। भाजपा नेता उपयंत्री विधु कौरव को यह भी बोले कि कांग्रेस का सपोर्ट करती हो। नेतागिरी हमको करनी है। स्व. शिवा कोटवानी का रिश्तेदार हूं। जिन्होंने थप्पड़ ही थप्पड़ मारे थे। मेरा नाम दीपक बेलानी है। हाथ नहीं जोड़ता हूं किसी के भी। उंगली दिखाकर भी उन्होंने उपयंत्री को धमकी दी।

भवन निरीक्षक सौम्या चतुर्वेदी भी बीच- बचाव करती नजर आ रही है। यह सभी घटनाक्रम उन वीडियों में दर्ज है। अगर वरिष्ठ भाजपा नेता पहले यह सच देख लेते तो शायद मुद्दा उठाने से पहले 10 बार सोचते।

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