बैंगलोर वालों ने क्षीरसागर में डाले बायो एंजाईम दावा- एक महीने में पारदर्शी हो जाएगा पानी

उज्जैन, अग्निपथ। बैंगलोर की संस्था बायो एंजाईम उद्ममी अकादमी के सदस्यों ने उज्जैन में क्षीरसागर कुंड के पानी को साफ करने का एक प्रयोग किया है।
बुधवार को इस संस्था के सदस्यों ने नगर निगम के सहयोग से क्षीरसागर में 100 लीटर बायो एंजाइम का छिडक़ाव किया। अगले 15 दिन में एक बार फिर से इसी कुंड में 100 लीटर बायो एंजाइम और डाला जाएगा। संस्था द्वारा दावा किया गया है कि अगले एक महीने में क्षीरसागर कुंड का पानी पूरी तरह से पारदर्शी हो जाएगा, इसकी दुर्गंध खत्म हो जाएगी और पानी में काई का हरापन भी खत्म होकर पानी पूरी तरह से शुद्ध हो जाएगा।
बैंगलोर की बायो एंजाईम उद्ममी अकादमी देश के कई हिस्सों में पानी को एंजाइम के माध्यम से शुद्ध करने का सफल प्रयोग कर चुकी है। यह संस्था उज्जैन में भी डेमो देना चाहती थी। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली स्थानीय संस्था रूपातंरण के प्रमुख राजीव पाहवा से संपर्क किया। राजीव पाहवा के माध्यम से प्रस्ताव नगर निगम आयुक्त के पास पहुंचा और आयुक्त तत्काल ही इसके लिए राजी हो गए। बायो एंजाईम उद्ममी अकादमी के दो सदस्य नागेश व्यास और रोहन गुप्ता मंगलवार की शाम उज्जैन पहुंचे। दोनों अपने साथ 100 लीटर बायो एंजाइम लेकर आए थे। मंगलवार की शाम क्षीरसागर कुंड का निरीक्षण और छिडक़ाव की मॉक ड्रील की गई। रात में ही फायर ब्रिगेड के 6 हजार लीटर पानी की क्षमता वाले टैंकर में बायो एंजाइम का घोल बनाया गया और बुधवार सुबह करीब 11 बजे क्षीरसागर कुंड में इस घोल का छिडक़ाव किया गया।
क्या है बायो एंजाईम
द्यबायो एंजाईम एक तरह का कार्बनिक घोल होता है। फलों, सब्जियों के छिलके, फूलों सहित जैविक कचरे के फर्मेटेंशन के माध्यम से शक्कर, गुड़ और पानी मिलाकर इसे तैयार किया जाता है। शुद्ध मालवी भाषा में आप इसे खमीर का घोल कह सकते है।
द्यइसे तैयार करने में लगभग 100 दिन की अवधि लगती है। बैंगलोर की बायो एंजाईम उद्ममी संस्था बायो एंजाईम तैयार करने की विधि सिखाती है साथ ही इसे सप्लाय भी करती है।
द्यबायो एंजाईम के एक लीटर घोल से 10 हजार लीटर पानी साफ किया जा सकता है। क्षीरसागर कुंड में फिलहाल 100 लीटर बायो एंजाईम डाला गया है।
द्य15 दिन बाद 100 लीटर बायो एंजाईम और डाला जाएगा। दावा किया गया है कि एक महीने में कुंड का पानी खुद ब खुद पूरी तरह से साफ हो जाएगा।

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