पेटलावद, अग्निपथ। इन दिनों जिले भर में शिक्षा विभाग में वितरित की गई खेल सामग्री घोटाले की बातें बहुत सुनाई दे रही है। अनुमान है कि लाखों की घटिया खेल सामग्री खरीद कर ठेकेदारों और अधिकारियों ने तगड़ी सांठगांठ करते हुए उदयमान खिलाडिय़ों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
जिले भर के 12 विकासखंडों की कुल 2402 प्राथमिक तथा माध्यमिक शाला में क्रमश: 5000 तथा 10000 रुपए का बजट खेल सामग्री क्रय किए जाने हेतु केंद्र सरकार की ओर से आवंटित किया था। इस आवंटन के साथ निर्देशित किया था कि शाला प्रबंधन समिति गरीब बच्चों के खेल उन्नयन हेतु उपरोक्त धनराशि का युक्ति युक्त उपयोग करेंगे।
लेकिन राजनीतिक प्रभावशालियों ने अधिकारियों के साथ मिलकर ऐसा खेल खेला कि लाखों की बड़ी धनराशि सिस्टम में बैठे लोग खेल सामग्री के नाम पर भी भ्रष्टाचार कर डकार गए। यदि ईमानदारी से स्कूलों में वितरित की गई खेल सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। खेल सामग्री खरीदी में हुए घोटाले के बारे में बताया जाता है कि जिले में सत्ताधारी दल से जुड़े कथित ठेकेदारों ने अंजाम दिया है।
जिन लोगों के बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं वह यह भूलेंगे नहीं के अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर उनके टैक्स की धनराशि को बच्चों की हित में खर्च करने की बजाय खुद की तिजोरी में डाली है और बच्चों के लिए खेल सामग्री में ही कर बड़ा खेला कर दिया।
इसी विषय पर सारंगी ग्रामीण मंडल के कार्यकर्ताओं ने अपने अपने क्षेत्र की स्कूल में जाकर खेल सामग्री का निरीक्षण किया और मंडल कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र सिंह बाछीखेडा़ ने प्राथमिक शाला बाछीखेड़ा, गुवालरुंडी, कतिजापाड़ा, कचनारिया, मोहड़ीपाड़ा कला, माध्यमिक शाला बाछीखेड़ा आदि स्थानों का निरीक्षण किया गया।
उसमें पाया गया की सामग्री की अनुमानित कीमत 1000 से 1200 रुपए ही है। सूत्रों के अनुसार कई संस्था ने डर के मारे सामग्री नहीं बताई, स्कूल में सामग्री वितरित करने वाली कंपनी बामनिया की बताई जा रही है। स्कूलों में डर का माहौल हो गया है। ठेकेदार द्वारा यह कहा जा रहा है अगर आपने सामग्री नहीं ली तो प्रभारी मंत्री के पास आपका नाम पहुंचा दिया जाएगा ।