थाने में बंद करवाकर बंधक मजदूर को धमकाया

विक्रम विवि कार्यपरिषद सदस्य का एक और कारनामा

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य विनोद यादव का एक और कारनामा सामने आया है। चिंतामण जवासिया में रहने वाले बंजारा समाज के एक मजदूर ने आरोप लगाया है कि विनोद यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने मजदूर को गुरुवार सुबह उसके घर पहुंचकर धमकाया।

इसी दिन शाम को चिंतामण थाने ले गए, यहां भी पुलिस वालों की मदद से मजदूर पर दबाव बनाया और उससे एक लाख 90 हजार रुपए बकाया के कागज पर दस्तखत करवा लिए। बगैर किसी एफआईआर के पुलिस वाले भी इस मजदूर को उसके घर से उठाकर ले गए और करीब 2 घंटे तक उसे थाने में रखा।

50 साल उम्र के प्रभुलाल पिता हेमाजी बंजारा के साथ यह घटनाक्रम हुआ है। प्रभुलाल बंजारा चिंतामण में ही पवन यादव, विनोद यादव के खेत पर पिछले 6 साल से मजदूरी करता है। काम के एवज में प्रभुलाल बंजारा ने पवन यादव, विनोद यादव से 1 लाख रुपए लिए थे। इसके एवज में वह लगातार इनके खेत पर हाली का काम करता रहा।

6 महीने पहले प्रभुलाल बंजारा को डेंगू हो गया था। बीमारी के दौरान भी पवन यादव ने 9 हजार रुपए प्रभुलाल को दिए। प्रभुलाल बीमारी से तो उबर गया लेकिन अब उसकी हालत काम करने लायक नहीं है। कमजोरी की वजह से वह हाली का काम नहीं कर पा रहा है। गुरुवार सुबह पवन यादव, बंटी यादव और विनोद यादव, हाली प्रभुलाल बंजारा के घर पहुंचे और उसे गाली गलौच करते हुए घर पर कब्जा करने की धमकी दी।

प्रभुलाल ने सुबह ही चिंतामण थाने में इसका शिकायती आवेदन भी दिया था। शाम करीब 4 बजे चिंतामण थाने से पुलिसकर्मी उलटे प्रभुलाल को ही उसके घर से उठाकर ले गए। थाने में विनोद यादव भी मौजूद था। प्रभुलाल बंजारा की पत्नी का आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों के सामने ही विनोद यादव लगातार गालियां देता रहा। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही थाने में प्रभुलाल बंजारा से बकाया रूपयों की लिखा-पड़ी करवाई गई। करीब दो घंटे तक थाने में रखने के बाद जब प्रभुलाल ने बकाया रूपयों के कागज पर हस्ताक्षर किए जब उसे थाने से छोड़ा गया।

विवि में भी किया था हंगामा

विक्रम विवि की कार्यपरिषद की बैठक से ठीक एक दिन पहले भी कार्यपरिषद सदस्य विनोद यादव ने विश्वविद्यालय परिसर में भी खासा हंगामा किया था। वे हाजिरी रजिस्टर लेकर कर्मचारियों की हाजिरी जांचने निकल पड़े थे। इस दौरान कुलसचिव डा. प्रशांत पुराणिक के साथ विनोद यादव की तीखी बहस भी हुई थी। कार्यपरिषद की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा।

इनका कहना

खेत पर काम करने वाले हाली को मेरे परिवार ने कुछ रुपए उधार दिए थे। उसका मकान भी हमने ही बनवाया। उसने रुपए नहीं चुकाए और काम पर आना भी बंद कर दिया। इसी वजह से उसके खिलाफ थाने में शिकायत की थी। थाने में उसने वादा किया कि पूरे रुपए चुका देगा, इसलिए हमने एफआईआर दर्ज नहीं करवाई। मजदूर जो आरोप लगा रहा है, वह सरासर गलत है।

विनोद यादव, कार्यपरिषद सदस्य विक्रम विवि

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