प्रोटोकाल भस्मारती टोकन नंबर किया बंद, अधिकारी की उपस्थिति में अनुमति

शुक्रवार को हुए विवाद के बाद रविवार से नई व्यवस्था, नेता नगरी की बढ़ेगी सीटें

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती को लेकर विवाद होने लगे हैं। आए दिन भस्मारती अनुमति बनवाए जाने को लेकर नेता नगरी सहित अन्य रसूखदार लोगों का जमावड़ा भस्मारती अनुमति काउंटर पर हो जाता है। ऐसे में रविवार से नई व्यवस्था लागू की गई है। टोकन व्यवस्था समाप्त कर काउंटर पर अधिकारी को बैठाकर अनुमति दी जा रही है।

विगत शुक्रवार को भस्मारती अनुमति बनवाने के लिए नेताओं का जमावड़ा भस्म आरती काउंटर पर हो गया था। जिसके चलते कर्मचारी निशाने पर आ गए थे। वहीं एक कंप्यूटर के माध्यम से कर्मचारियों को भस्म आरती अनुमति बनानी पड़ी थी। जिसमें टोकन प्राप्त श्रद्धालुओं की भस्म आरती अनुमति तो बन ही नहीं पाई थी, बल्कि वहां पर जमा नेता नगरी की भीड़ और अन्य रसूखदार श्रद्धालुओं की अनुमति बना दी गई थी। हालांकि मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने मौके पर पहुंचकर काउंटर के अंदर बैठे नेताओं को बाहर का रास्ता अवश्य दिखाया था लेकिन फिर भी कई लोगों की भस्म आरती अनुमति नहीं बन पाई थी।

अधिकारी ने बैठकर जारी की अनुमति
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह, मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, एडीएम संतोष टैगोर सहित अन्य अधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई थी। जिसमें यह मामला पुरजोर उठा था। ऐसे में अधिकारियों में तय हुआ कि टोकन सिस्टम बंद कर जिला प्रोटोकोल अधिकारी काउंटर पर बैठेगा और चेहरा पहचान कर पात्र लोगों को भस्मारती अनुमति जारी करेगा। रविवार को जिला प्रोटोकाल सहायक अभिषेक भार्गव ने बैठकर लोगों की भस्मारती अनुमति जारी की। ज्ञातव्य रहे कि व्हाट्सएप ग्रुप जिस पर टोकन नंबर डाला जाता था उसको भी डिलीट कर दिया गया है।

नेता नगरी की सीटें बढ़ाईं

जानकारी में आया है कि सत्तापक्ष से जुड़े नेता की जमकर बहस भस्म आरती अनुमति काउंटर पर हो गई थी। नेता नगरी तो काउंटर के अंदर ही बैठकर भस्मारती अनुमति करने की मांग करने लगे थे। जबकि समय सीमा समाप्त हो गई थी। इसी को देखते हुए बैठक में नेता नगरी की सीटें बढ़ाने पर भी विचार विमर्श हुआ है। ज्ञातव्य रहे कि शाम 7 बजे इंदौर से चालू बंद होने वाला सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक लॉक हो जाता है। केवल उससे समय पूर्व की गई अनुमति प्राप्त की जा सकती है। जानकारी में यह भी आया है कि साफ्टवेयर लॉक करने का समय कम कर शाम 5 बजे तक कर दिया गया है।

जिला और मंदिर प्रशासन के बीच टकराव

प्रोटोकॉल भस्म आरती अनुमति जिला प्रोटोकोल कार्यालय द्वारा जारी की जाती है। जोकि कहीं ना कहीं कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में होती है। लेकिन मंदिर प्रशासक से यदि कोई वीवीआइपी भस्मारती अनुमति बनवाने की मांग करता है तो अधिकारी अपने हाथ खड़े कर देते हैं। क्योंकि उनके पास प्रोटोकाल भस्मारती जारी करने की पात्रता नहीं है।

ऐसे में प्रशासक ने कलेक्टर से मौखिक और व्हाट्सएप पर भी प्रोटोकॉल भस्म आरती अनुमति उनके हैंडोवर करने का निवेदन किया था। लेकिन अभी तक इस पर हरी झंडी नहीं मिल पाई है। गौरतलब रहे कि भस्म आरती प्रोटोकॉल अनुमति के लिए जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन के बीच टकराव चल रहा है। दोनों ओर से भरसक प्रयास किया जा रहा है कि प्रोटोकॉल भस्मारती अनुमति उनके हाथ में ही रहे अथवा हो जाए।

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