भीड़ के चलते बाहर ही ले रहे चढ़ाने वाली मदिरा, अक्सर गर्भगृह में रहता है प्रवेश बंद
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर की ही तरह कालभैरव मंदिर में भी भीड़ होने पर गर्भगृह में प्रवेश बंद रहता है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भगवान कालभैरव को मदिरा चढ़ाते देखने को उत्सुक रहते हैं। लेकिन उनको यह देखने को नहीं मिलता है। भीड़ बढ़ती है तो गर्भगृह से प्रवेश बंद कर दिया जाता है। ऐसे में बाहर से कालभैरव को मदिरा ग्रहण करते देखने आने वाले श्रद्धालु निराश होकर चले जाते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना संक्रमण के समाप्त होने पर गर्भगृह से प्रवेश शुरू कर दिया गया था। इसी तरह कालभैरव मंदिर में गर्भगृह में भी प्रवेश श्रद्धालुओं का शुरू कर दिया गया था। महाकालेश्वर मंदिर में यह नियम बना लिया गया कि जब भी श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी तो गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाएगा। यही नियम कालभैरव मंदिर में भी लागू किया गया है। अमूमन आएदिन अब श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन को आने लगी है। ऐसे में सप्ताह के अधिकांश दिन गर्भगृह से श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहता है।
मदिरा भोग देखने का क्रेज
देश सहित विदेश से श्रद्धालु भगवान कालभैरव को मदिरा पीते देखने के लिए दर्शन को आते हैं। लेकिन इस तरह की व्यवस्था लागू होने से उनको निराशा ही हाथ लगती है। मदिरा चढ़ाने को लेकर मंदिर के बाहर एक मटका रखा गया है। इसमें पुजारी द्वारा मदिरा एकत्रित कर ली जाती है और आरती के दौरान इसका भोग लगा दिया जाता है।
गर्भगृह में जगह कम
कालभैरव मंदिर प्रशासक केसी त्रिपाठी का कहना है कि आजकल आएदिन श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान के दर्शन को आती है। ऐसे में यदि गर्भगृह में प्रवेश शुरू कर प्रत्येक श्रद्धालु द्वारा लाई गई मदिरा चढ़ाई जाए तो काफी समय लगेगा। मंदिर का गर्भगृह भी काफी छोटा होने के कारण ऐसा करना व्यवहारिक रूप से ठीक नहीं होगा। इसलिए मंदिर के बाहर की मदिरा एकत्रित करने के लिए काउंटर लगा दिया गया है।