राष्ट्र की धरोहर से भावी पीढ़ी को परिचित कराना जरूरी, विक्रम उत्सव अच्छी शुरुआत-राज्यपाल
उज्जैन, अग्निपथ। भारत उत्कर्ष और नवजागरण पर एकाग्र समागम विक्रमोत्सव-2022 का शुभारंभ शुक्रवार की शाम मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर स्थित पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागृह में किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन साधुवाद का पात्र है जिसमें विक्रमादित्य की स्मृति के माध्यम से महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ की स्थापना की है। विक्रम उत्सव इतिहास व संस्कृति को जानने के क्षेत्र में अच्छी शुरुआत है, जो लगातार 17 साल से जारी है।
बहुत ही गर्व की बात है कि देश के सामाजिक व सांस्कृतिक वर्ग ने इस समारोह में अपनी विशेष पहचान बनाई है। आज की भावी पीढ़ी और युवाओं को राष्ट्र की धरोहर से परिचित कराना बहुत जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि विक्रमोत्सव एक आयोजन मात्र नहीं है, बल्कि यह भारतीय परम्परा का द्योतक है, जहां हम अपने पूर्वजों का पुण्य स्मरण करते हैं।
विधायक पारस जैन ने कहा कि यह आयोजन राष्ट्रीय एकता के लिये जरूरी है। उन्होंने कहा कि विक्रम कीर्ति मन्दिर के समीप बिड़ला भवन में चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी को प्रतिदिन स्कूली बच्चों को दिखाने ले जाएं। इससे उन्हें ज्ञात होगा कि हमारे वीर पुरुष कौन थे।
इस अवसर पर विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा प्रकाशित शोध ग्रंथों का लोकार्पण राज्यपाल ने किया। विमोचित होने वाले ग्रंथों में विक्रम स्मृति ग्रंथ (हिन्दी, इंग्लिश एवं मराठी), डॉ.घनश्याम पाण्डेय द्वारा रचित दुनिया के पहले ज्ञात गणितज्ञ महात्मा लगध पर केन्द्रित हिंदी उपन्यास लग्न, डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित के संवत् प्रवर्तक विक्रमादित्य व डॉ.जगन्नाथ दुबे की पुस्तक मालवा जनपद की मुद्राएँ आदि प्रमुख हैं। निदेशक श्रीराम तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया।
विक्रमार्क की प्रस्तुति दी
विक्रमोत्सव 2022 की पहली शाम यक्ष गान शैली में उडिपी कर्नाटक के नाट्य समूह ने पृथ्वीराज कवट्टर के निर्देशन में नाटक विक्रमार्क की प्रस्तुति दी। उक्त प्रस्तुति को राज्यपाल पटेल के साथ अन्य अतिथियों ने देखा। संचालन डॉ.शैलेन्द्र शर्मा ने किया और अन्त में आभार विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रकट किया। नौ दिवसीय विक्रमोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत शनिवार 26 मार्च को शाम 7 बजे से गिरीश मोहंता भोपाल के निर्देशन में सिंहासन बत्तीसी का कार्यक्रम कालिदास अकादमी परिसर में आयोजित होगा।