महाकाल विजिटर साफ्टवेयर में खराबी, तीन दिन से यही आलम, यूपीआई से भुगतान की व्यवस्था हो
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकाल भस्मारती अनुमति करवाने वाले श्रद्धालुओं का शुल्क आनलाइन तो कट रहा है। लेकिन अनुमति जारी नहीं हो पा रही है। दो-दो तीन-तीन बार शुल्क आनलाइन जमा करने के बावजूद अनुमति जारी नहीं होने से हंगामा हो रहा है। ऐसा मंदिर के महाकाल विजीटर साफ्टवेयर में आई खराबी के कारण हो रहा है।
महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर प्रशासन द्वारा प्रोटोकाल भस्मारती करने के लिए महाकाल विजीटर साफ्टवेयर से व्यवस्था लागू की गई थी। पूर्व में प्रोटोकाल भस्मारती अनुमति महाकालेश्वर. नाइस. इन पर बन रही थी। लेकिन अब साफ्टवेयर ने परेशान करना शुरू कर दिया है।
पिछले तीन दिन से जनरल और पंडे पुजारियों के काउंटर पर भस्मारती शुल्क आनलाइन जमा करने के बावजूद अनुमति की पीडीएफ जारी नहीं हो रही है। कई श्रद्धालुओं ने तो दो दो तीन तीन बार शुल्क आनलाइन जमा कर दिया लेकिन उनको अनुमति की पीडीएफ मोबाइल पर नहीं मिल पाई। कई श्रद्धालु यह सोचकर कि उन्होंने शुल्क जमा कर दिया है। रात्रि में भस्मारती करने के लिए गेट पर पहूुंच रहे हैं। लेकिन उनको वापस कर दिया जा रहा है।
भस्मारती प्रभारी से किया विवाद
गुरुवार अलसुबह की भस्मारती में शामिल होने के लिए अनुमति की पीडीएफ कापी लिए बगैर श्रद्धालु पहुंच गए। यहां पर जब भस्मारती प्रभारी उमेश पंड्या ने अनुमति मांगी तो उन्होंने कहा कि शुल्क जमा कर दिया गया था, लेकिन उनके मोबाइल पर अनुमति नहीं आई। ऐसे में दोनों ओर से जमकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई। आखिरकार श्रद्धालुओं को भस्मारती किए बगैर वापस लौटना पड़ा।
यूपीआई की व्यवस्था काउंटर पर हो
मंदिर के साफ्टवेयर में शुल्क जमा करने के बावजूद अनुमति जारी नहीं हो रही है। ऐसे में यहां पर यूपीआई की व्यवस्था मंदिर प्रशासन को काउंटर पर करना चाहिए। ताकि श्रद्धालु शुल्क दूसरी व्यवस्था के तहत जमा कर अनुमति प्राप्त कर सके। दान आदि लेने के लिए जिस तरह से मंदिर प्रशासन ने यूपीआई जारी किया है। इस तरह की व्यवस्था मंदिर प्रशासन को भस्मारती के लिए भी करना चाहिए।