विक्रम पटेल के वेयर हाउस के पीछे चल रहा था टाटा का नकली कारखाना
देवास, अग्निपथ। एबी रोड स्थित शिप्रा क्षेत्र में वेयर हाउस के पीछे किराए की जगह लेकर कारखाने में चोरी-छुपे नकली डीजल एक्जास्ट फ्लुइड (डीईएफ) यूरिया की मदद से बनाया जा रहा था। इसको बेचने के लिए बाकायदा टाटा के नाम का उपयोग भी किया जा रहा था।
सूचना मिलने पर औद्योगिक पुलिस ने गुरुवार दोपहर को दबिश दी। मौके से चार आरोपियों को दबोचकर 1360 लीटर डीईएफ, विभिन्न मशीनें, ड्रम, यूरिया आदि करीब 80 लाख रुपए कीमती सामान जब्त किया गया। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज करके जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना के बाद औद्योगिक पुलिस की टीम ने पटेल वेयर हाउस के पिछले हिस्से में दबिश दी। जहां पर टीन शेड में कारखाने का संचालन किया जा रहा था। कारखाने का कोई नाम नहीं था और शटर बंद करके मजदूर अंदर काम कर रहे थे।
मौके से अमन उर्फ राकेश पिता शंकरलाल अग्रवाल, धनराज उर्फ दिनेश पिता खेरातीलाल दोनों निवासी जयपुर राजस्थान, सोनू उर्फ गिरिराज पिता रामचंद्र बंजारा निवासी जोधपुर राजस्थान, राकेश सिंदल को पकड़ा गया। पूछताछ में इनके पास किसी प्रकार का लाइसेंस या अन्य दस्तावेज नहीं मिला।
इसके बाद मौके से 20-20 लीटर की 68 बाल्टियां जिनमें टाटा जेनुइन डीईएफ भरा था उनको जब्त किया। इसके अलावा इसे बनाने में काम आने वाली यूरिया, मिक्सर मशीनें, फिल्टर मशीनें, स्टॉक रखने वाले ड्रम, यूरिया की थैलियां आदि सामग्री जब्त की गई।
एसआई आरके शर्मा ने बताया आरोपियों के द्वारा टाटा ब्रांड के मोनो का उपयोग किया जा रहा था। इनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस डीईएफ का उपयोग बीएस-6 श्रेणी के वाहनों में किया जाता है।