सिविल सर्जन के डांटकर भगाने से क्षुब्ध, 3 बार दे चुके हैं आवेदन
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल में आवास आवंटन को लेकर न्यूरो सर्जन को धरने पर बैठना पड़ा। सिविल सर्जन ने उनको डांटकर भगा दिया तो वह क्षुब्ध हो गए और सिविल सर्जन कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए। आवास आवंटन के लिए यह दूसरा मामला है। पूर्व में सर्जन डॉ. अजय दिवाकर ने भी आवास आवंटन को लेकर अपना इस्तीफा देने तक की घोषणा कर दी थी।
बुधवार को न्यूरो सर्जन डॉ. राकेश मीणा सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा के पास आवास आवंटन की फरियाद लेकर पहुंचे थे। जिस पर सिविल सर्जन ने उन्हें डांट कर भगा दिया था। वरिष्ठ अधिकारी के व्यवहार से आहत न्यूरो सर्जन इतना व्यथित हो गए कि गुरुवार सुबह उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दे दिया।
करीब डेढ़ घंटे से अधिक कक्ष के गेट पर बैठे न्यूरो सर्जन को साथी डॉक्टरों ने समझाइश देकर उठाया। बताया जाता है कि सितंबर- 2021 में श्योपुर से न्यूरो सर्जन डॉक्टर राकेश मीणा जिला अस्पताल में पदस्थ हुए थे। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में आवास आवंटन के लिए तीन बार सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा को आवेदन दिए।
आरोप: कुछ समय के लिए आते हैं कार्यालय
जानकारी में आया है कि सिविल सर्जन की कार्यशैली को लेकर जिला अस्पताल के कई डॉक्टर और कर्मचारी नाराज हैं। सुबह कुछ देर के लिए कार्यालय आते हैं। उसके बाद चरक भवन के कक्ष में जाकर बैठ जाते हैं। जिला अस्पताल के कार्यों की फाइल लेकर कर्मचारियों को चरक भवन तक जाना पड़ता है। वह एसी की ठंडी हवा में आराम फरमाते रहते हैं।
इस्तीफे की घोषणा के बाद भी नहीं मिला आवास
कुछ माह पहले अस्पताल के सर्जन डॉ. अजय दिवाकर ने शासकीय आवास में निकल रहे सांपों को देखते हुए चरक अस्पताल के पीछे बने नए आवास में आवास आवंटन का अनुरोध किया था। लेकिन दूसरे डॉक्टरों को तो आवास आवंटित कर दिया गया था, लेकिन डॉ. दिवाकर के लाख अनुरोध करने के बावजूद आवास आवंटित नहीं किया गया।
यह देखकर डॉ. दिवाकर ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कलेक्टर के पास भिजवा दिया था। लेकिन जिला और अस्पताल प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी और आखिरकार उनको किराए पर मकान लेकर रहना पड़ा।