प्रशिक्षु महिला डॉक्टर ने आरएमओ से की अभद्रता और झूमाझटकीआरएमओ

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कार्यालय का दरवाजा बंद करने के बावजूद लात मार कर खोला , रजिस्टर में अनुपस्थिति लगी देख भडक़ी

उज्जैन, अग्निपथ। शुक्रवार की सुबह जिला अस्पताल स्थित आरएमओ कार्यालय में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर ने आरएमओ से अभद्रता करते हुए झूमाझटकी की। जिसके चलते अस्पताल में हडक़ंप की स्थिति बन गई। महिला डॉक्टर बार-बार आरएमओ पर हमलावर होती रही।

किसी तरह से साथी डॉक्टरों और कर्मचारियों ने दोनों को अलग कर स्थिति को संभाला। दोनों कोतवाली थाने पहुंचे थे, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश के बाद दोनों ने प्रकरण दर्ज नहीं कराया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह 9.45 बजे सीपीसीएस चिकित्सक डॉ. रक्षा श्रीवास्तव आरएमओ कार्यालय पहुंची और रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास किया। रजिस्टर में 2 मार्च से 15 मार्च तक और 27 मार्च से 31 मार्च तक अनुपस्थिति लगा देखकर वह भडक़ गई और अपशब्द बोलते हुए उनके द्वारा आरएमओ डॉ. जितेंद्र शर्मा के साथ अभद्रता करते हुए झूमाझटकी भी की गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने यहां तक बताया कि हंगामे की खबर सुनकर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी जब वहां पहुंचे और उन्होंने आरएमओ कार्यालय का दरवाजा बंद कर डॉ. श्रीवास्तव को बाहर निकाल दिया तो उन्होंने पुन: दरवाजे पर लात मारकर दरवाजा खोला और फिर से आरएमओ के साथ विवाद करने का प्रयास किया।

किसी तरह से आरएमओ डॉ. शर्मा को बाहर निकाल कर रोगी कल्याण कक्ष में बैठाया। यहां पर सिविल सर्जन डॉ. पीएन ने दोनों को बिठाकर समझाया, लेकिन इसके बावजूद डॉ. श्रीवास्तव कोतवाली थाने पहुंच गर्इं।

डॉक्टर्स आरएमओ के साथ पहुंचे थाने

जानकारी में आया है कि डॉ. रक्षा श्रीवास्तव के कोतवाली थाना पहुंचने की खबर के बाद अस्पताल के कई डॉक्टर और आरएमओ डॉ. शर्मा भी कोतवाली थाना अपनी तहरीर लेकर पहुंच गए थे। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दोनों ने थाने में एक दूसरे के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं कराया।

एक घंटा बंद रही ओपीडी

राजस्थान के दौसा में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा के खुदकुशी मामले में प्रदेश के डॉक्टर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को सुबह जिला चिकित्सालय के 1 दर्जन से अधिक डॉक्टरों ने अपना काम छोडक़र काली पट्टी बांधी और प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन एक घंटे किया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने कहा कि अगर डॉक्टरों पर धारा- 302 लगने लगेगी तो डॉक्टर कैसे काम कर पाएंगे।

ज्ञातव्य रहे कि राजस्थान के दौसा जिले की प्रसूता 22 वर्षीय आशा बैरवा की चौथी डिलीवरी डॉ अर्चना शर्मा ने कराई थी। लेकिन महिला डॉक्टर आशा को नहीं बचा पाई और डॉ अर्चना शर्मा पर हत्या का प्रकरण दर्ज हो गया था। जिसके प्रेशर में आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।

इनका कहना है

विभागीय मामला है। आपस में हॉटटॉक हुई है। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में मामला शांत हो गया है। – डॉ. जितेन्द्र शर्मा, आरएमओ, जिला चिकित्सालय

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