प्रवेश को लेकर आए दिन मारपीट, पुलिसकर्मी सिक्योरिटी फोर्स और नित्य दर्शनार्थी कर रहे आए दिन मारपीट
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सुरक्षाकर्मियों के साथ जबरिया प्रवेश को लेकर आए दिन पुलिसकर्मी, सिक्योरिटी फोर्स और नित्य दर्शनार्थियों द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन मंदिर प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई सख्त कदम नहीं उठाये जाने के कारण घटनाएं बेलगाम हो रही हैं।
पिछले एक पखवाड़े में लगभग चार मारपीट की घटनाएं सुरक्षाकर्मियों के साथ हो चुकी हैं। हाल ही में रविवार की दोपहर 11 बजे 4 नंबर गेट पर सुरक्षाकर्मी उपेंद्र अहिरवार दत्तात्रेय मंदिर के पास तैनात था। इस दौरान इंदौर से बीएसएफ के 2 जवान अपने परिवार के पांच लोगों को लेकर आए और प्रवेश करने का प्रयास किया। इस दौरान जब उनसे टिकट मांगा गया तो उन्होंने जबरदस्ती प्रवेश करने को लेकर उसके साथ मारपीट की।
इतना ही नहीं उन्होंने उसकी यूनिफार्म के दोनों फीते भी फाड़ दिए। मौके का फायदा उठाकर सभी वहां से नदारद हो गए। मंदिर प्रशासन को जब इसकी शिकायत की तो वही ढाक के तीन पात रहे।
नित्य दर्शनार्थी महिला ने मारा तमाचा
इसके एक दिन पहले शनिवार की शाम की संध्या कालीन आरती के पश्चात गणपति मंडपम की रैलिंग से एक नित्य दर्शनार्थी परिवार की महिला मोबाइल चलाते हुए बैरिकेट्स से दर्शन कर रही थी। इस दौरान वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मी संजय सिलोदिया ने जब महिला को आगे बढऩे को कहा तो महिला ने उसको थप्पड़ जड़ दिया। मामले ने इतना तूल पकड़ा कि दोनों पक्ष महाकाल थाने पहुंच गए और अपने-अपने आवेदन दिए।
प्रशासक को भी सौंप चुके आवेदन
इन दो घटनाओं के पूर्व 24 मार्च को निर्गम गेट 10 नंबर से देवास से आई सिविल ड्रेस में एक महिला पुलिसकर्मी ने अपने परिवार को मंदिर के अंदर प्रवेश कराने का प्रयास किया। यहां पर तैनात सुरक्षाकर्मी सोनल दीक्षित ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो उसके साथ जबरदस्त मारपीट की गई। सोनल ने मामले को लेकर मंदिर प्रशासक को भी आवेदन दिया। लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इसी तरह एक मामला 27 मार्च को फैसिलिटी सेंटर में घटित हुआ जब एक पुलिस वाले और एक दर्शनार्थी ने इंट्री के विपरीत जाने का प्रयास किया। यहां पर तैनात मयूर जाधव नाम के सुरक्षाकर्मी ने जब दोनों को रोका टोका तो उसके साथ जबरदस्त मारपीट की गई।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंदिर में पुलिस नाम की कोई चीज नहीं है। मंदिर की पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी अपने ही विभाग के लोगों को बचाते हुए किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
एक तरफ बोलते हैं रोको, तो दूसरी तरफ सपोर्ट नहीं
मंदिर प्रशासन का रवैया इस मामले में काफी ढुलमुल साबित हो रहा है। पुलिसकर्मी, सिक्योरिटी फोर्स और नित्य दर्शनार्थी परिवार के सदस्य लगातार मंदिर में प्रवेश नियमों का उल्लंघन करते हुए जबरिया प्रवेश करने का प्रयास कर रहे हैं और उनको रोकने पर सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की जा रही है।
लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि मंदिर के गेट पर तैनात पुलिसकर्मी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। इतना ही नहीं मंदिर प्रशासन भी इस मामले में कोई भी कार्रवाई सख्त रुप से नहीं कर पा रहा है। जिसके चलते आए दिन मारपीट की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।