100 बिस्तरीय अस्पताल के पीछे 32 परिवार को बेघर करने की तैयारी

Ujjain District Hospital

जिला अस्पताल की बिल्डिंग पहले ही कंडम हो चुकी, परिसर में जगह की नहीं कोई कमी

उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल के पीछे स्थित 32 मकान में रह रहे परिवार को मकान तुरंत खाली करने का फरमान सुना दिया गया है। यहां पर 100 बिस्तरीय अस्पताल बनाया जाएगा। ऐसे में आपातकालिन सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को यहां से हटाकर अस्पताल का निर्माण किए जाना गले नहीं उतर रहा है। जबकि अस्पताल परिसर में काफी जगह है। सिविल सर्जन द्वारा मकान खाली करने के लिए नोटिस थमाया जा चुका है।

जिला प्रशासन की मंशा है कि जिला अस्पताल के ठीक पीछे 100 बिस्तरीय अस्पताल बनाया जाए। इसमें 20 आईसीयू और 80 मेडिसीन के बेड रखे जाएंगे। जिला अस्पताल की बिल्डिंग के ठीक पीछे इस नए अस्पताल बनाने के पीछे यह तर्क है कि पुरानी बिल्डिंग से सीधे यहां तक कर्मचारियों की पहुंच बन जाएगी। जोकि आपातकाल के समय काम आएगी।

नया अस्पताल बनाने के चक्कर में प्रशासन भूल गया कि यही 32 स्वास्थ्यकर्मी आपातकालिन समय में तुरंत अपनी ड्यूटी देने पहुंच जाते हैं। इनको यहां से इनको हटाकर स्वास्थ्य सेवाओं में और कमी करने की भूल जिला प्रशासन कर रहा है। यदि इनको यहां से हटा दिया गया तो बस एक्सीडेंट सहित अन्य बड़े प्रकरणों में इनको स्वास्थ्यकर्मी तुरंत उपलब्ध नहीं हो पाएंगे।

जिला अस्पताल की बिल्डिंग गिराऊ

जिला प्रशासन स्वास्थ्यकर्मियों के रहवासी इलाके में ही क्यों अस्पताल बनाना चाहता है। इसके पीछे उसकी मंशा है कि तुरंत जिला अस्पताल की बिल्डिंग में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी आपात स्थिति में यहां से नए अस्पताल में पहुंच जाएंगे। लेकिन जिला अस्पताल की बिल्डिंग तो पहले ही गिराऊ भवन की श्रेणी में है। इसको राइट अप किया जा चुका है।

ऐसे में जिला प्रशासन की मंशा आगे जाकर गलत साबित हो सकती है। यहां पर राष्ट्रीय त्योहारों के अवसर पर छत पर झंडावंदन आदि भी नहीं किया जाता है। इसी डर से की कहीं बिल्डिंग का कोई हिस्सा न गिर जाए।

जिला अस्पताल परिसर में काफी जगह

जिला अस्पताल परिसर में काफी जगह पड़ी हुई है। मसलन आरएमओ कार्यालय के पीछे, पुराना बच्चा वार्ड के सामने, बोहरा वार्ड के पीछे, पीएम रूम के सामने। ऐसे में अंदाज लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन को यही जगह मिली है, जिसमें आगामी दिनों में यदि स्वास्थ्यकर्मियों को यहां से हटा दिया जाता है तो आपातकालिन स्थिति में बाहर होने पर यदि इनको बुलाया जाता है तो कम से कम आधा से एक घंटा पहुंचने में लग सकता है।

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