महाकालेश्वर नि:शुल्क अन्नक्षेत्र प्रवेश गेट पर की जा रही शराबखोरी

पीकर वहीं पटक रहे बीयर के डिब्बे, जूता चप्पल स्टैंड के पास स्मैक का सुट्टा

उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के नि:शुल्क अन्नक्षेत्र प्रवेश द्वार के पास बैठकर शराबखोरी और स्मैक बाजी की जा रही है और इनको वहीं पर पटक दिया जा रहा है। जिसके चलते वहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था प्रभावित हो रही है।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर जबकि तीनों शिफ्टों में यहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर में रात्रि के समय असमाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं, जोकि भस्मारती और दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कभी भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।

यहां पर पुलिस केवल मंदिर के अंदर ही तैनात रहती है। मंदिर के बाहर गश्त होना आवश्यक है। लेकिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इसको लेकर गंभीर दिखाई नहीं देते हैं। इसका फायदा उठाकर नि:शुल्क अन्नक्षेत्र के आसपास के हारफूल व्यवसाई और इनके नप्पू यहां पर शराबखोरी और स्मैक के सुट्टे लगाने जैसी हरकत कर मंदिर की छवि को शर्मसार कर रहे हैं।

अन्नक्षेत्र के प्रवेश गेट के पास रखी टंकी के ओटले पर शराबखोरी की जा रही है और यहीं पर इनके निशान छोड़े जा रहे हैं। इसी तरह यहां पर स्थित जूता चप्पल स्टैंड के पास भी स्मैक की पुडिय़ा की खाली पन्नी पड़ी हुई मिल रही हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भगवान के दरबार को भी कुछ लोग अपनी मौजमस्ती का अड्डा बनाने से नहीं चूक रहे हैं।

तीनों शिफ्ट में सुरक्षाकर्मी तैनात तो फिर…

नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में तीनों शिफ्टों में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं तो फिर आखिरकार यहां पर शराबखोरी और स्मैक के सुट्टे कैसे लगाए जा रहे हैं। या तो रात्रि में तैनात सुरक्षाकर्मी को डरा धमका कर अथवा उसकी गैरमौजूदगी में इस तरह के कृत्य असमााजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे हैं।

पास में ही प्रोटोकाल आफिस है। यहां पर प्रोटोकाल लेने के लिए श्रद्धालुओं का आगमन होता रहता है। साथ ही नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में भी श्रद्धालु भोजन प्रसाद लेने आते हैं। प्रवेश गेट के पास ही बोतल, टीन के डब्बे और स्मैक की पन्नी पड़ी होने से वे मंदिर की अच्छी छवि लेकर नहीं जा रहे होंगे।

‘पंडितजी’ के गुर्गों की हरकत तो नहीं

महाकालेश्वर मंदिर के इस क्षेत्र एक पंडितजी का दबदबा इस क्षेत्र में काफी अधिक है। उनकी आज्ञा के बिना कोई भी असमाजिक तत्व इस तरह की हरकत को अंजाम देने के बारे में एक बार अवश्यक ही सोचेगा। उनको इस बात की पूरी जानकारी होगी कि कौन यहां पर शराबखोरी करता है। स्मैक के सुट्टे लगाता है। हालांकि वे इस तरह की हरकत के पक्षधर नहीं हैं। लेकिन गुर्गे तो हंगामेबाज ठहरे। इस तरह की हरकत वे पूछकर थोड़े ना करते होंगे।

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