मनरेगा के भ्रष्टाचार मामले में 12 अप्रैल को जिला पंचायत में कराना होंगे कथन दर्ज
सुसनेर, अग्निपथ। जनपद क्षेत्र की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में बीते दिनों हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच जिला पंचायत शुरू कर दी है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने जांच दल गठित कर संबंधित पंचायत के सचिवों और रोजगार सहायकों से जवाब तलब किया हैं।
क्षेत्र की जनपद की ग्राम पंचायत जाख, परसुल्याकलां, निपानिया, पटपडा, साल्याखेड़ी और लालाखेड़ी में पिछले तीन वर्षों में हुए भारी भ्रष्टाचार की लम्बे समय से सुर्खियों में रहे। इनकी शिकायतें भी विभिन्न स्तर पर हुई हैं। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा ने जांच के आदेश जारी किए है। जिसमें रोजगार गारंटी योजना के जिला समन्वयक सामाजिक अंकेक्षण को जांच अधिकारी बनाकर जांच की जिम्मैदारी सौपी गई है।
इसके बाद जिला समन्वयक द्वारा 5 अप्रैल को पत्र (क्रमांक 15़18 से 1528) जारी कर कुल 6 ग्राम पंचायतों के सचिव व रोजगार सहायको को ग्राम पंचायत में पिछले तीन वर्षो में शासन को आर्थिक नुकसान पहुचाने का हवाला देते हुए उनकी पंचायत में संचालित सभी योजनाओं में तीन वर्षो में हुए आय- व्यय का पत्रक 12 अप्रैल तक प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि 12 अप्रैल को जिला पंचायत कार्यालय में उपस्थित होकर पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों को अपने प्रारम्भिक कथन भी दर्ज कराना होंगे।
भारत सरकार के पास पहुंचा मनरेगा घोटाला
जनपद पंचायत सुसनेर के तहत आने वाली ग्राम पंचायतों में हुए मनरेगा भ्रष्टाचार का मामला अब भारत सरकार के पास भी पहुंच चुका है। इस संबंध में लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद परसुलियाकलां के अनिल पाटीदार के द्वारा भारत सरकार के सीपीजीआरएम पोर्टल पर इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा मामले की जांच के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग आगर मालवा के कार्यपालन यंत्री को इसकी जांच दी गई है।
कार्यपालन यंत्री ने शिकायतकर्ता को पत्र क्रमांक 275 दिनांक 25 मार्च 2022 के माध्यम से नोटीस भेजकर उनसे इस संबंध में उपलब्ध साक्ष्य प्रमाण दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है। शिकायतकर्ता अनिल पाटीदार के अनुसार वें इस मामले के दस्तावेज 6 अप्रैल को संबंधित अधिकारी को उपलब्ध भी करा चुके है।