मंदिर प्रशासक ने खुद खड़े होकर संभाली गर्भगृह से व्यवस्था
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर प्रशासन द्वारा लगातार आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन करवाए जा रहे हैं। जिसके चलते आम श्रद्धालुओं में प्रसन्नता का माहौल है। मंदिर प्रशासन की इस व्यवस्था से बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी मंदिर प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं। शनिवार को अमूमन गर्भगृह से दर्शन बंद रखे जाते हैं। लेकिन पहली बार है कि जब मंदिर प्रशासन ने इस प्रतिबंधित दिन में आम श्रद्धालुओं को इस तरह की व्यवस्था दी है।
महाकालेश्वर मंदिर में वर्षों से शनिवार, रविवार और सोमवार के दिन आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करने की व्यवस्था है। लेकिन यह प्रतिबंध इस शनिवार को टूट गया जब मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने अपने मातहतों को दर्शन गर्भगृह से शुरू करने के निर्देश प्रदान किए। इसके बाद दर्शन करवाने की शुरुआत की गई।
मंदिर प्रशासक श्री धाकड़ ने स्वयं गर्भगृह में खड़े होकर कतार चलवाने में मदद की। जब व्यवस्था जम गई तो वह सुरक्षाकर्मियों और मंदिर कर्मचारियों के भरोसे छोडक़र रवाना हो गए।
गर्मी का कारण भीड़ कम होने से लिया फैसला
यह पहली बार है कि जब शनिवार जैसे प्रतिबंधित दिनों में गर्भगृह से आम श्रद्धालुओं के प्रवेश शुरू करवाए गए हों। यह अभिनव प्रयोग भीड़ कम देखकर किया गया है। बताया जाता है कि गर्मी होने के चलते इस समय मंदिर में भीड़ का दबाव काफी कम हो गया है। केवल बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की ही संख्या मंदिर में दिखाई दे रही है। ऐसे में मंदिर प्रशासन को आम श्रद्धालुओं को राहत देने का सिलसिला शुरू करने का मौका मिल गया है।
लड्डू यूनिट सहित अन्य प्रकल्पों में सुपरवाइजर नहीं
मंदिर में आऊटसोर्स से भर्तियां करने का जिम्मा केएसएस कंपनी के पास है। मंदिर के प्रकल्प चिंतामन स्थित लड्डू यूनिट, वैदिक शोध प्रशिक्षण संस्थान, गौशाला आदि में टीचर, लोडर, सफाईकर्मी सहित गौमाता की सेवा करने के लिए केएसएस कंपनी के 30 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। लेकिन इनकी निगरानी करने के लिए यहां पर वर्षों से सुपरवाइजर नहीं है। अमूमन सुपरवाइजर को इस दृष्टि से तैनात किया जाता है ताकि इनके कर्मचारी अपना काम ठीक तरह से करें।