प्रशासन का शिकंजा, पुलिस कप्तान की कार्रवाई
तराना, अग्निपथ। शहर में संचालित सट्टाघर के खुलासे के बाद शनिवार को प्रशासन और पुलिस ने दो बड़ी कार्रवाई की है। स्थानीय प्रशासन ने आरोपी के दुकान व मकान के अवैध निर्माण को तोड़ दिया। हालांकि इस दौरान संकरे रास्ते के कारण जेसीबी मशीन मौके तक नहीं पहुंचने के चलते प्रशासन ने हथौड़े चलवाकर निर्माण तुड़वाया। उधर, जिला पुलिस कप्तान ने तराना थाने के सात पुलिसकर्मियों को आरोपियों से मिलीभगत के चलते लाइन अटैच की सजा दी है।
शहर के हाट मैदान निवासी किशन पिता नारायण के घर में चल रहे सट्टाघर पर शुक्रवार को जिला पुलिस कप्तान सत्येंद्रकुमार शुक्ला के निर्देश पर उज्जैन सायबर सेल की टीम ने दबिश दी थी। यहां से टीम ने सट्टाघर चलाने वाले किशन परमार और उसके पोते विकास परमार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर 57 हजार 590 रूपये,सट्टा पर्चियां व मोबाइल जप्त कर प्रकरण दर्ज किया था। शनिवार को प्रशासन ने किशन की दुकान जहां सट्टा चलता था उसे तुड़वा दिया। वहीं सामने संकरी गली मे ंस्थित मकान का अगला हिस्सा जो जेसीबी की पहुंच में नहीं होने पर हथौड़ों से तुड़वाया गया।
मौके पर एसडीएम एकता जायसवाल, तहसीलदार डी.के.वर्मा, टीआई भीमसिंह पटेल, एस आई. बाबूलाल चौधरी, एस आई त्रिभुवन सिंह कुशवाहा, माकड़ौन थाना प्रभारी अशोक शर्मा सहित कायथा थाना का पुलिस बल मौजूद रहा।
इन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
भाजपा की पूर्व पार्षद के बेटे और ससुर द्वारा सट्टाघर संचालन का खुलासा कर सटोरियों को गिरफ्तार करने में साइबर सेल की अहम भूमिका रही है। वहीं स्थानीय पुलिसकर्मियों की सट्टा संचालित करने वालों से मिलीभगत भी सामने आई है। इसके बाद उज्जैन एसपी ने तराना थाने में पदस्थ एएसआई मदनसिंह राठौर, प्रधान आरक्षक रामेश्वर पटेल, आरक्षक आदिराम केवट व आरक्षक अजहर सहित नगर सैनिक बद्रीलाल, जमील और प्रेमनारायण को लाइन हाजिर होने के आदेश दिये हैं। एसपी के सख्त आदेश से जहां पुलिस थाने मे खलबली है, वहीं सट्टेबाजों में भी खौफ दिखाई दे रहा है।
यह भी पढ़ेंः पूर्व पार्षद का बेटा दादा के साथ मिलकर चला रहा था सट्टाघर, पुलिस ने दी दबिश