कोलकाता। अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम ममता बनर्जी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। शुभेंदु अधिकारी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस के एक और विधायक ने बागी तेवर अपना लिए हैं। आसनसोल से विधायक और शहर के मेयर रह चुके जितेंद्ग तिवारी ने राज्य की सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उन्होंने मंगलवार को राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम से मिलने तक से मना कर दिया और कहा है कि वह सिर्फ ममता बनर्जी से बात करेंगे।
जितेंद्र तिवारी का आरोप है कि राज्य सरकार राजनीति की वजह से आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिलने वाला फंड इस्तेमाल नहीं करने दे रही है। मामले के जानकार एक अन्य टीएमसी नेता के मुताबिक, ममता बनर्जी फिलहाल उत्तरी बंगाल के दौरे पर हैं इसलिए पार्टी ने तिवारी को यह जानकारी दे दी है कि ममता उनसे 18 दिसंबर को मिल सकती हैं।
बता दें कि इससे एक दिन पहले ही टीएमसी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने बागी तेवर अपनाए थे जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह इस हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के वक्त भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
रविवार को जितेंद्र तिवारी ने शहरी विकास मंत्री हकीम को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार राजनीतिक वजहों से आसनसोल नगर निगम को केंद्र की तरफ से मिले 2000 करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल नहीं करने दे रही है। यह फंड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जारी किया गया था। तिवारी का यह भी आरोप है कि इस मुद्दे पर वह पहले भी कम से कम पांच बार हकीम को चिट्ठी लिख चुके हैं लेकिन रविवार को लिखी चिट्ठी किसी ने जानबूझकर लीक कर दी। उन्होंने कहा, ‘मैं इन मामलों पर सिर्फ मुख्यमंत्री से बात करूंगा।’
तिवारी ने उच्च शिक्षा विभाग को यह सूचना भी दे दी है कि वह दो कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी से इस्तीफा देना चाहते हैं। अब यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि तिवारी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बर्दवान जिले की 2 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में पार्टी की यह कलह चुनाव से पहले टीएमसी की और किरकरी करा रही है।