महाकाल मंदिर प्रशासक को सौंपा ज्ञापन, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने की थी मांग
उज्जैन, अग्निपथ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष द्वारा महाकाल के गर्भगृह में अखाड़ों के साधु-संतों को नि:शुल्क प्रवेश देने की मांग का अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने कड़ा विरोध जताया है। इसे लेकर बुधवार को संघ का एक प्रतिनिधि मंडल महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और सदस्यों से मिला व उनके समक्ष अपनी बात रखकर आपत्ति दर्ज कराई।
प्रतिमंडल ने कहा कि देश के सभी मंदिरों की अपनी एक व्यवस्था है जिसका पालन सभी को करना चाहिए और यदि कोई व्यक्ति सुलभ सुचारू व्यवस्था में हस्तक्षेप करने की बात करता है तो वह अनुचित हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष द्वारा हाल ही में अपने लोगों को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में नि:शुल्क प्रवेश देने की बात करना मंदिर में अराजकता और अव्यवस्था फैलाना जैसा है।
यदि इस प्रकार की सुविधा अखाड़े के साधु-संतों को दी जाती है तो अखिल भारतीय पुजारी महासंघ पूरे देश में इस निर्णय और व्यवस्था का विरोध करेगा तथा देशभर के पुजारियों को भी महाकाल के गर्भगृह में नि:शुल्क प्रवेश की मांग की करेगा।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ और प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र गुरु, राम गुरु और प्रदीप गुरु ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि मंदिर की संचालन व्यवस्था में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और ऐसी किसी भी प्रकार की मांग जिससे मंदिर की व्यवस्था प्रभावित होती हो को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी, नगर अध्यक्ष रूपेश मेहता, सदस्य राजेश बैरागी, महेंद्र सिंह बैस, रमेश वाधवानी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।