तिहरे हत्याकांड का खुलासा : 2 आरोपी गिरफ्त में
उज्जैन, अग्निपथ। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की दो थानों की सीमा में हत्या करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने 48 घंटे में गिरफ्तार कर लिया। हत्या की वजह सूदखोरी सामने आई है। दोनों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10-10 हजार का इनाम घोषित था।
पीपलीनाका क्षेत्र के हरिनगर में रहने वाले नागर परिवार की सरोज पति सोहनलाल नागर (80), उसके बेटे राजेश नागर (50) और पोते पार्थ पिता राजेश नागर (22) की लाश रविवार-सोमवार को पुलिस को मिली थी। पिता-पुत्र राजेश और पार्थ का शव इंगोरिया थाने के ग्राम बुरावद में चंबल नदी किनारे से रविवार की रात को मिला था। जबकि सरोज नागर का शव घर में पलंग पेटी में से सोमवार सुबह मिला था।
तीनों शव चार दिन पुराने हो चुके थे। 2 थानों की सीमा में एक ही परिवार के सदस्यों का तिहरा हत्याकांड सामने आने के बाद सनसनीखेज मामले का खुलासा करने के लिये एसएसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने एसआईटी का गठन किया। जिसने 48 घंटे में सागर से जयराम कुशवाह (35) और उज्जैन की कमल कालोनी से दिनेश जैन (48) को गिरफ्तार कर अंधेकत्ल का खुलासा कर दिया।
दोनों आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में उपयोग की गई आटो बरामद की गई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राजेश से उधार लिये 2 लाख 97 हजार सूद सहित लौटाने की बात पर पिता-पुत्र की चाकू से गला रेतकर हत्या करने के बाद उनके घर पहुंच वृद्धा का गला घोंट हत्या की थी। जीवाजीगंज पुलिस दोनों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लेगी। तिहरे हत्याकांड का खुलासा गुरुवार दोपहर एसएसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने किया।
सब्जी बेचता है जयराम, दिनेश बेचता चावल
पुलिस पूछताछ में आरोपियों से सामने आया कि जयराम सागर से 12 साल पहले मोहननगर में रहने आया था और सब्जी बेचता था। उसने राजेश से 2 साल पहले 20 हजार रुपये उधार लिये थे। बाद में उसने आटो खरीद लिया और चलाने लगा। दिनेश फेरी लगाकर चावल बेचता है। उस पर भी 2 लाख 75 हजार का कर्ज लिया था।
राजेश और उसका पुत्र पार्थ ठेले और छोटा कारोबार करने वालों को ब्याज से पैसे देते थे। राजेश एक माह से दिनेश और जयराम से ब्याज सहित पैसे देने का दबाव बना रहा था और उधार के बदले दिये उनके चैक बाउंस करने की बात कह रहा था। जिसको लेकर दोनों ने हत्या का षडय़ंत्र रचा था।
पैसे लौटाने के बहाने ले गए थे साथ
जयराम में कबूल किया कि 8 अप्रैल को दिनेश के साथ पिता-पुत्र को पैसे दिलाने और हिसाब बराबर करने का झांसा देकर आटो में ले गये थे। शाम 4 बजे बडऩगर रोड से दोनों को बैठाया और अंधेरा ढ़लने पर इंगोरिया के समीप सडक़ किनारे दोनों की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। उसके बाद शव जंगल में फेंक लौट आये थे।
जयराम रात में ही मोहननगर का मकान खाली कर 2 बच्चों और पत्नी के साथ इंदौर निकल गया, जहां से पैतृक गांव सागर चला गया था। दिनेश घर में रहा, दोनों को तनिक अंदेशा नहीं था कि पुलिस पांच दिन बाद उन तक पहुंच जाएगी।
चेक तलाशने पहुंचे थे घर
दिनेश ने कबूल किया कि पिता-पुत्र की हत्या के बाद रात में उनके घर चेक तलाशने के लिये पहुंचे थे। राजेश पैसे नहीं देने पर चेक बाउंस कराने की बात कहता था। घर में वृद्धा से चेक मांगे। उसने देने से मना किया तो गला घोंट दिया। मरने पर हाथ-पैर बांध पलंग पेटी में बंद कर दिया। घर में सब जगह तलाशी ली पर चेक नहीं मिले तो घर में रखे तीन तालों से 2 कमरे और मेनगेट बंद कर भाग निकले। चाबी रास्ते में फेंक दी थी।
एसआईटी में ये थे शामिल
एसएसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने बताया कि आरोपियों की गिर तारी के बनाई गई एसआईटी टीम में टीआई गगन बादल, पृथ्वीसिंह खलाटे, अमित सोलंकी, जितेन्द्र भास्कर, गजेन्द्र पचोरिया, सायबर प्रभारी प्रतीक यादव, क्राइम ब्रांच प्रभारी संजय यादव, एसआई अंकित बनोधा, शांतिलाल मीणा, पवन मीणा, एएसआई तवंरसिंह केलता, विनोद राठौर, संतोष राव के साथ प्रधान आरक्षक, आरक्षक की टीम ने एएसपी आकाश भूरिया, सीएसपी एआर नेगी और एसडीओपी बडऩगर रविन्द्र बोयट के निर्देशन में सफलता प्राप्त की।
मोबाइल डाटा से मिला सुराग
एसएसपी शुक्ल ने बताया कि 11 अप्रैल को दोहरा हत्याकांड सामने आने के बाद मृतक राजेश के पास मोबाइल मिला था। जिसके आधार पर पुलिस टीम हरिहर नगर पहुंची थी, जहां परिवार की वृद्धा का कत्ल होना पता चला। तिहरे हत्याकांड का सुराग तलाशने के लिये मोबाइल डाटा आधार बना।
उसमें दर्ज नंबरों को ट्रेस किया गया। जिसमें जयराम की डिटेल काफी मिली। उसकी तलाश में पुलिस सब्जी मंडी पहुंची और पता कि चार दिन पहले मकान खाली कर गया है। उसकी लोकेशन ट्रेस की जाने लगी और पीछा करते रहे। सागर में रानगिर माता मंदिर से उसे पकड़ लिया गया। दिनेश रात में घर पर मिला।