गेट नंबर- 5 पर एक कर्मचारी के भरोसे 1500 टिकटधारी, 100 रु. टिकटधारी, दिव्यांग, बुजुर्ग सहित पंडे पुजारी
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को ठीक तरह की व्यवस्थाएं नहीं मिल पा रही हैं। व्यवस्थाओं का तानाबाना इतना बेढंगा बुना गया है कि श्रद्धालु चकरघिन्नी हो रहा है। वीआईपी 250 रु. टिकटधारियों को इतना लंबा चलाया जा रहा है कि वे इस भीषण गर्मी में मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाओं को कोस रहे हैं। वहीं गेट नंबर-5 के कर्मचारी के माथे इतने अधिक श्रद्धालुओं का भार है कि वह एक मिनट के लिए फ्रेश होने तक नहीं जा सकता।
महाकालेश्वर मंदिर में आज तक व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पाई हैं। इसका कारण यह है कि यहां पर व्यवस्थाओं को लागू तो किया जा रहा है, लेकिन बिना सोचे समझे। ऐसे में श्रद्धालु यहां पर आकर चकरा रहा है और परेशान होकर मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाओं को कोस रहा है। इस भीषण गर्मी में वीआईपी 250 रु. टिकटधारियों को लंबा चलाकर मंदिर में प्रवेश करवाया जा रहा है।
जबकि वे दर्शन शुल्क सबसे अधिक दे रहे हैं। उनके लिए सुलभ और निकटतम प्रवेश व्यवस्था करना चाहिए, लेकिन हो रहा ठीक इसके उल्टा। वीआईपी टिकट अन्नक्षेत्र के प्रोटोकाल काउंटर से और गेट नंबर-4 पर लगाए गए काउंटर से दिया जा रहा है। इस काउंटर से टिकट लेकर श्रद्धालु जूते चप्पल उतारकर भीषण गर्मी में बड़ा गणपति मंदिर से लगे बेरिकेड़स से प्रवेश कर रहा है। उनको इतना लंबा चलाया जा रहा है कि आधे दर्शन तो उनको रास्ते में हो रहे हैं।
वहीं अन्नक्षेत्र के काउंटर से भी इसकी दूरी काफी अधिक है। जबकि प्रवेश बेरिकेड्स के पास ही एक काउंटर लगाकर यहां से 250 रु. टिकट का विक्रय किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
गेट नंबर-5 पर मगजमारी
सबसे अधिक श्रद्धालुओं का दबाव गेट नंबर-5 पर बना हुआ है। यहां से पंडे पुजारी, 1500 रुपए अभिषेकधारी, 100 रु. प्रोटोकालधारी, दिव्यांग, बुजुर्गों का प्रवेश हो रहा है। यहां पर अवकाश के दिनों में भीड़ का दबाव इतना अधिक रहता है कि कर्मचारी यहां से टस से मस नहीं हो सकता। भूले भटके यदि कोई प्रवेश कर जाए तो पूछताछ शुरू हो जाती है। ऐसे में कर्मचारी अपना पाइंट नहीं छोड़ पाता और वह इस भीषण गर्मी में परेशान होता रहता है।
मंदिर प्रशासन के अधिकारियों को भी यह सब दिखाई दे रहा है। गेट नंबर-5 और 4 पर दो-दो कर्मचारियों की एक शिफ्ट में नियुक्ति होना चाहिए, लेकिन मंदिर प्रशासन के पास कर्मचारी तो हैं लेकिन सिस्टम बनाना नहीं आ रहा।
चार दिन के अवकाश में उमड़े श्रद्धालु
भीषण गर्मी और बच्चों के स्कूल खुले होने के चलते अभी तक मंदिर में कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंच ंरहे थे। लेकिन 14, 15, 16, 17 अप्रैल तक अवकाश होने के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गुरुवार को मंदिर में नजर आई। यही सिलसिला चार दिन तक चलता रहेगा। मंदिर के अंदर और बाहर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। 1500 रु. टिकटधारियों की संख्या भी इस दौरान काफी अधिक रही।