मृतक के नाम पर निकाली रोजगार गांरटी योजना की राशि

जांच के नाम हो रहा दिखावा

सुसनेर, अग्निपथ। क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में बीते तीन वर्षो में रोजगार गांरटी योजना के तहत जॉब कार्डधारियों को रोजगार उपलब्ध कराने के नाम पर किए गए घोटालो की परते धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। ग्राम पंचायत जाख में तो मृतक के नाम पर उसकी मौत के एक माह बाद राशि निकाली गई है।

मिली जानकारी के अनुसार जाख के अमरसिंह पिता माधव की 30 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो चुकी थी। इस जॉब कार्डधारी के नाम पर मई 2021 में 2 लाख रूपए से भी अधिक की राशि निकाली गई है। इसके अलावा कजलास मार्ग पर वर्ष 2001 में बनी पुरानी तलाई को ही नए सिरे बनाना बताकर करीब ढाई लाख की राशि निकाली गई, जो कि ग्राम जाख के भुआनसिंह के खेत के समीप है।

इसके अलावा शमशान और लोंगडी रोड पर पौधारोपण के नाम पर भी राशि में हेराफेरी की गई है। इन सब बातों की पंचायती राज से जुडे जिम्मेदार गंभीरता से जांच करे तो सच्चाई सामने आ सकती है। लेकिन जांच के नाम पर प्रशासन मात्र दिखावा कर रहा है।

ऐसे हो रहा ऑडिट में खेल

मनरेगा में कराए गए कार्यो का पंचायतवार सोशल ऑडिट किया जा रहा है। इसके लिए क्षैत्र की छ: ग्राम पंचायतो से तीन साल का आय और व्यय पत्रक मांगा गया है। पत्रक के लिए जिन रोजगार सहायक और पंचायत सचिव के नाम नोटिस जारी किए गए हैं। वे तीन साल पहले उन पंचायतों में काम करते थे। अब उनके पास दूसरी पंचायतों का कार्यभार है।

ऐसे में वे किस तरह से पिछले तीन साल का रिकार्ड जिला सोशल ऑडिट अधिकारी के पास जमा कराएंगे। कुल मिलाकर मामले को दबाने का खेल खेला जा रहा है। जिला सोशल ऑडिट अधिकारी ने ग्राम पंचायतों से 12 अप्रैल को आय- व्यय पत्रक जमा कराने को कहा था। किन्तु वे खुद उस दिन जिला पंचायत में नहीं मिले जिसके चलते रिकार्ड जमा नहीं हो पाया है।

तीन वर्षो में 60 करोड से अधिक के कार्य

रोजगार गारंटी योजना के तहत आने वाली क्षैत्र की 55 ही ग्राम पंचायतो में बीते 3 वर्षो में 60 करोड से भी अधिक की राशि खर्च की गई है। इस राशि से हितग्राहीमूलक कार्य, सामुदायिक कार्य, तलाई निर्माण, पशु शेड निर्माण, सीसी रोड, पौधारोपण, नंदन फलोउद्यान, कपिलधारा कूप निर्माण सहीत कई अन्य कार्य कराए गए है। इन सभी कार्यो में गडबडीया किए जाने की शिकायते लगातार सामने आ रही है।

कई पंचायतो में तो ग्रामीण प्रशासन के सामने शिकायत भी कर चुके है। किन्तु उसके बाद भी किसी भी जिम्मैदार पर कोई कारवाई नही हुई है। मनरेगा में गडबडीयो की जांच में दोषी पाए गए पंचायत सचिव या रोजगार सहायक के विरूद्ध धारा 92 के तहत वसूली के लिए जिला पंचायत में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को लटका दिया जाता है। जबकि दोषी पाए जाने के बाद सम्बन्धित के विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।

पंचायतों का सोशल ऑडिट हो रहा है

सुसनेर जनपद पंचायत के तहत आने वाली छ: ग्राम पंचायतो में गडबडीया किए जाने की शिकायत ब्लॉक शहर कांग्रेस अध्यक्ष आशिक हुसेन बोहरा द्वारा की गई थी। जिसके बाद मामले की जांच ग्राम पंचायतो के आय-व्यय पत्रक मंगाकर की जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसका प्रतिवेदन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेज दिया जाएगा।

– मनीष तंवर जिला सोशल ऑडिट अधिकारी, जिला पंचायत आगर मालवा

जांच के नाम पर मामले को दबा रहा प्रशासन

मेरे द्वारा की शिकायत पर जांच करने की बजाय प्रशासन जांच की आड लेकर मामले को दबाने में जुटा हुआ है। प्रशासन को शिकायतकर्ता और मीडियाकर्मीयो को साथ ले जाकर मामले की जांच करनी चाहिए थी। किन्तु प्रशासन द्वारा ऐसा नही करने से प्रशासन की नीयत पर सवाल उठ रहे है।

-आशिक हुसैन बोहरा, शिकायतकर्ता, ब्लॉक शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुसनेर

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