भस्मारती में अनाधिकृत मंगल गुरु सहित अन्य कर रहे आरती-पूजा और श्रृंगार

Mahakl awaidh shringar

पुजारी परिवार के ही सदस्य ने लगाए गंभीर आरोप, मंदिर प्रशासक से मांग-दूसरे कर रहे तो उसे भी दे अधिकार

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अधिकारियों की अनदेखी के कारण भगवान महाकाल के गर्भगृह में अनाधिकृत पुजारी परिवार के लोग प्रवेश कर भस्मारती श्रृंगार और आरती पूजन कर रहे हैं। जबकि यह नियम विरूद्ध है। इसी परिवार का एक सदस्य भगवान महाकाल का पीछे से श्रृंगार कर रहा है। जिसको शास्त्रीय पद्धति से ठीक नहीं माना जा रहा है। वहीं पाट पर बैठकर यह अनाधिकृत पुजारी परिवार के लोग श्रद्धालुओं से दक्षिणा आदि भी ले रहे हैं।

यह आरोप महाकाल मंदिर के ही 16 पुजारी परिवार में से एक परिवार के पंडित वीनू गुरु ने लगाते हुए मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक से मांग की है कि जब ये दूसरे अनाधिकृत लोग मंदिर आकर आरती-पूजन कर सकते हैं तो परिवार का अधिकृत सदस्य होने के नाते उसे भी मंदिर में आरती-पूजा व शृंगार आदि करने का पूर्ण अधिकारी दिया जाना चाहिए।

पंडित वीनू गुरु मंदिर के 16 पुजारी परिवार में से ही हैं। वीनू गुरु ने बताया कि मंदिर में पुजारी कमल गुरु भस्मारती करते हैं तो उनके साथ मंगल शर्मा, कार्तिक शर्मा व दो-चार अन्य लोग आकर प्रमुख रूप से शामिल होते हैं। जबकि ये मंदिर प्रबंध समिति में अधिकृत नहीं हंै। ऐसे में मंदिर प्रबंध समिति या तो इन अनाधिकृत लोगों को नियम अनुसार आरती-पूजा व शृंगार करने से रोके या फिर उसे भी परिवार का होने के नाते इन सब का पूर्ण अधिकार दे। क्योंकि वह भी पुजारी कमल गुरु के ही परिवार का अधिकृत वंशज है।

भस्मारती में शृंगार उल्टी तरफ से

पंडित वीनू गुरु ने यह भी बताया कि एक तो यह सब लोग मंदिर में अनाधिकृत हैं तथा अपने को मंदिर का पुजारी बताकर आरती-पूजा सब कर रहे हैं तथा इनमें से एक तो भस्मारती में भगवान महाकाल का शृंगार ही उल्टी तरफ से करता है जबकि यह परंपरा व नियम के ही विरूद्ध है।

मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारियों व मंदिर के अन्य अधिकृत पुजारियों को भी इस ओर संज्ञान लेना चाहिए। बाबा का शृंगार पीछे की तरफ से बैठकर करना सही नहीं माना जाता है। भस्मारती में आने वाले नियमित दर्शनार्थी व बाहर बैठे अन्य आम श्रद्धालुगण भी यह दृश्य देखकर नाराज होते हैं। इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है। लेकिन इन लोगों को अधिकृत पुजारी समझकर कोई कुछ नहीं बोलता है। समिति के प्रशासक को इस ओर ध्यान देकर कार्रवाई करना चाहिए।

पाट पर बैठकर दक्षिणा ले रहे

वर्तमान में कमल गुरु के साथ ये सभी लोग मंदिर में आकर पूजा-पाठ करने के साथ अपने को अधिकृत बताते हुए पाट पर भी बैठ रहे हैं तथा यजमानों का पूजन आदि कार्य भी कराकर उनसे दक्षिणा भी ले रहे हैं। जबकि मंदिर में अनाधिकृत रूप से किसी भी व्यक्ति को पूजन कार्य कराने से लेकर दक्षिणा आदि लेने का कोई अधिकार ही नहीं है।

इन अनाधिकृत लोगों में से एक को पुजारी कमल गुरु ने गोद ले रखा है जो कि मंदिर में अधिकृत ही नहीं है तथा पूर्व में मंदिर प्रबंध समिति उसे नियमानुसार अमान्य भी कर चुकी है। इसके बावजूद वह प्रतिदिन भस्मारती में आकर शृंगार आदि सब कर रहा हैं। इसकी मंदिर प्रबंध समिति को शिकायत भी की गई लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से इन्हें अब तक प्रतिबंधित नहीं किया गया।

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