महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने केवल मीडिया में प्रकाशित लेख को लेकर दोनों पक्षों को नोटिस देकर जवाब तलब किया
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अनाधिकृत पुजारी परिवार के लोग अभी भी भस्मारती में भगवान महाकाल का श्रृंगार कर पूजन आरती कर रहे हैं। जबकि उनको तीन दिन पहले नोटिस मंदिर प्रशासन द्वारा नोटिस थमा दिया गया था। आश्चर्य की बात है कि नोटिस में केवल मीडिया में प्रकाशित सूचना के बारे में ही स्पष्टीकरण मांगा गया।
जबकि नोटिस में अनाधिकृत पुजारी परिवार के लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर स्पष्टीकरण मांगा जाना था। आज भी अनाधिकृत पुजारी परिवार के लोग भस्मारती में प्रवेश कर नियमों को ठेंगा बता रहे हैं।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने दोनों पक्षों के लोगों को नोटिस थमाया था, जिसमें 24 घंटे में समाचार पत्रों में प्रकाशित लेख को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन मंदिर प्रशासन ने इन अनाधिकृत लोगों के बारे में न तो पुजारियों की सूची से मिलान करने की कोशिश की और ना ही मंदिर में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे। जानकारी में आया है कि उनके द्वारा संबंधित पक्ष से ही भस्मारती में शामिल होने के फुटेज मांगे जा रहे हैं। ऐसे में मंदिर के अन्य पुजारियों में आक्रोश व्याप्त है।
मंदिर के पुजारियों का कहना है कि यदि इन लोगों का नाम पुजारियों के प्रतिनिधियों की सूची में नहीं है तो फिर इनको अनाधिकृत प्रवेश क्यों दिया जा रहा है। गुरुवार को भी परिवार के अनाधिकृत लोगों ने भस्मारती कार्यकलाप संपन्न किए।
कमल गुरु के केवल दो प्रतिनिधि
मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जारी 16 पुजारियों की सूची में कमल गुरु के केवल दो प्रतिनिधि ही दर्शाये गए हैं। इसमें एक नाम प्रमोद शर्मा का है। जबकि दूसरा देवेन्द्र शर्मा नाम दर्ज है। ऐसे में परिवार के अन्य लोगों को अनाधिकृत रूप से भस्मारती में लाया जा रहा है आौर श्रृंगार, आरती पूजन करवाया जा रहा है।
यदि इन लोगों के अनाधिकृत प्रवेश को नहीं रोका गया तो आगामी दिनों में अन्य पुजारीगण भी भस्मारती में अपने परिवार के उन लोगों को शामिल कर सकते हैं, जिनका नाम पुजारियों के प्रतिनिधियों की सूची में शामिल नहीं है।
इनका कहना है
दोनों पक्षों को मामले में नोटिस जारी किया गया है।
– गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक, मंदिर प्रबंध समिति