टीन का शेड होने से भभक रही गर्मी, कर्मचारी भी हो रहे बेदम
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोला बदलने वाले शेड में खड़ा रहना मुश्किल हो रहा है। लेकिन भगवान महाकाल के दर्शन को उतावले 1500 रु. अभिषेकधारी श्रद्धालु यह सब सहकर भी पसीना पसीना होने पर मजबूर हो रहे हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा यहां पर पंखे तो लगाए गए हैं, लेकिन वे गर्म हवा फेंक रहे हैं। यहां एक दो कूलर की दरकार है।
दैनिक अग्निपथ ने मार्च माह में गर्मी की शुरुआत होते ही महिला और पुरुष के सोला बदलने के शेड में पंखे नहीं होने का हवाला देते हुए समाचार प्रकाशित किए थे। जिस पर मंदिर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए दोनों कक्षों में पंखे की व्यवस्था करवाई दी थी। लेकिन अब भीषण गर्मी की शुरुआत हो चुकी है और टीन के शेड गर्मी से तपने लगे हैं।
लिहाजा सोला पहनने वाले महिला और पुरुष श्रद्धालुओं का यहां पर एक मिनट भी खड़े होना परेशानी का सबब बन रहा है। भीड़ बढऩे पर दो कर्मचारी सभी को सोला नहीं पहना पाते लिहाजा कई श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते हुए खड़े रहते हैं। ऐसे में यहां पर पतरे की तपन से पसीना पसीना हो जाते हैं। यहां के दोनों कक्षों में यदि मंदिर प्रशासन कूलर की व्यवस्था करे तो श्रद्धालुओं में एक अच्छा संदेश तो जाएगा ही मंदिर कर्मचारियों के लिए भी काम आसान हो जाएगा।
श्रद्धालु सोले तो ले जाते वापस नहीं करते
महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश बंद होने के दौरान 1500 रु. की अभिषेक रसीद शुरू की जाती है। जिसमें दो लोगों को प्रवेश की पात्रता गर्भगृह से जलाभिषेक की रहती है। मंदिर में श्रद्धालुओं को सोला पहनने की व्यवस्था प्रदान कर रखी है। जिसमें पुरुष श्रद्धालु को धोती, पंछा और महिला श्रद्धालुओं के लिए साड़ी की व्यवस्था की गई है।
लेकिन कई पंडे पुजारियों के सेवक आकर अपने श्रद्धालुओं को सोला पहना कर तो ले जाते हैं लेकिन वापस नहीं करते। सोला समय पर वापस नहीं करने के कारण भीड़ अधिक होने पर इसकी कमी हो जाती है। मंदिर के कर्मचारी इस पर आपत्ति उठाते हैं तो पंडे पुजारियों के सेवक उनके साथ बदसलूकी करते हैं।