महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन से नहीं हुआ मेरा कोई समझौता- महामंडलेश्वर महेशानंद गिरी

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महाकालेश्वर मंदिर की अव्यवस्थाओं के संबंध में सीएम को लिखेंगे पत्र

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरी महाराज को भगवान महाकाल के दर्शन नहीं करने देने को लेकर महाराजश्री में नाराजगी है। इसको लेकर अब वह पीएम और सीएम को पत्र लिखकर मंदिर की अवस्थाओं के बारे में और साधु संतों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित करने का मामला उठाएंगे। उनका कहना है कि मंदिर प्रशासन से उनका कोई समझौता नहीं हुआ है। मीडिया में समझौते संबंधी समाचार क्यों लिखवाया गया?

निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर महेशानंद गिरी ने बताया कि मंदिर प्रशासन के साथ उनका कोई समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने सुबह 7 बजे के लगभग मंदिर के 5 नंबर गेट से प्रवेश किया था। लेकिन चांदी गेट पर पहुंचने के बाद यहां पर सुरक्षाकर्मियों ने उनको प्रवेश नहीं करने दिया और कहा कि नंदीहाल के गेट से प्रवेश करें।

यहां बमुश्किल भीड़भाड़ के बीच होते हुए नंदीहाल के गेट पर पहुंचे तो यहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनको प्रवेश नहीं करने दिया और कहा कि अभी प्रशासक महोदय से पूछ लेते हैं। आरती में देर थी। मेरे साथ के निरंजनी अखाड़े के पुजारी ने कहा कि यह महामंडलेश्वर हैं। इसके बावजूद सुरक्षाकर्मियों ने जाने नहीं दिया। इसके बाद प्रशासक का फोन आया और उन्होंने कहा कि मैं वहां पर नहीं था तो मैंने प्रति प्रश्न किया कि आपका कर्मचारी तो वहां पर मौजूद था। उन्होंने कहा कि कर्मचारी को तो इस बात को बताना चाहिए था कि किसको प्रवेश देना है और किसको नहीं।

उन्होंने कहा कि मैंने प्रशासक से कहा कि कलेक्टर के सामने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्रपुरी महाराज ने साधु संतों के प्रवेश के बारे में बातचीत की थी, जिसमें आप भी मौजूद थे। उन्होंने यह भी कहा कि आश्रम में जाकर पीएम और सीएम को पत्र लिखूंगा तो प्रशासक ने कहा कि कर्मचारी को आज ही सस्पेंड कर दूंगा। सीसीटीवी फुटेज यदि देखें तो उसमें आरती के समय के पूर्व मेरा पहुंचना अवश्य ही दिखाई देगा।

सहमति हो गई क्यों लिखवाया

महामंडलेश्वर महेशानंद गिरी जी महाराज का कहना था कि इस अव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है। मीडिया में सहमति हो गई है क्यों लिखवाया? इससे मुझे तकलीफ हो रही है। मंदिर के किसी भी अधिकारी ने मामले को लेकर खेद नहीं जताया। केवल इतना ही कहा कि सजा दूंगा। मैं तो सन्यासी हूं। उनको सजा थोड़े ही दूंगा। फिर मैंने उनसे कहा कि आपकी जो मर्जी है कर लेना।

महामंडलेश्वर से समझौता हो गया है

इधर मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ का कहना था कि उनसे समझौता हो चुका है। उनके द्वारा आरती के समय वीआईपी नंदीहाल गेट से प्रवेश करना चाहा था। आरती का समय होने के चलते उनको प्रवेश नहीं दिया गया होगा। इधर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल का कहना है कि उनकी महामंडलेश्वर जी से बात हो गई थी। उनका समझौता हो गया था।

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