विक्रम विवि के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की उपलब्धि
उज्जैन, अग्निपथ। मकानों के निर्माण में उनकी मजबूती को कायम रखने हुए निर्माण लागत को 10 से 15 प्रतिशत तक कम करने का कारनामा करने के बाद अब विक्रम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हाथ एक और उपलब्धि आई है। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में भू-कंप प्रतिरोधी निर्माण में नई तकनीक के इस्तेमाल का पेटेंट हांसिल किया गया है।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे और स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एण्ड टेक्नोलाजी संस्थान के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार के मार्गदर्शन मे इंजिनियरिंग संस्थान के सिविल इंजिनियरिंग विभाग के प्राध्यापक मोहित कुमार प्रजापति ने देश के अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षको के साथ मिलकर संयुक्त रूप से इंडियन पेंटेंट जनरल में प्रकाशित किया।
इस पेटेंट के अंर्तगत रिसर्च की गई है कि कांक्रीट कंप्रेसिव नेचर का होता है, यह टेन्साईल स्ट्रेस सहन नहीं कर सकता और भूकंपीय क्षेत्र में स्ट्रक्चर मे टेन्साईल नेचर का बल उत्पन्न होता है। कांक्रीट इस बल को सहन नहीं कर सकता है, इसलिए कांक्रीट में स्टील रेन्फोर्समेन्ट का उपयोग करते हैं। इससे कांक्रीट डक्टाईल नेचर का हो जाता है साथ ही इसके अंदर पोलीमर जैसे नायलान 66, पीवीसी, पोलीस्टर इत्यादी सामग्री का उपयोग किया जाता हैं, इससे निर्माण की मजबूती बढ़ जाती है, साथ ही इसे भूकंप के दौरान भी सुरक्षित बनाए रखती है।
प्राध्यापक मोहित कुमार प्रजापति ने बताया कि पेटेंट जनरल में प्रकाशित होने के बाद अब इस टैक्नालॉजी की बेहतर ब्रांडिंग हो सकेगी।