बेटी मितुल ने जताई नाराजगी
बडऩगर (अजय राठौड़), अग्निपथ। देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान। यह गीत वर्षो पूर्व ही नगर के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि प्रदीप ने रच दिया था। तब शायद संसार इतना नहीं बदला था। किन्तु वर्तमान संदर्भ में सोशल मीडिया के दौर में यह गीत पुरी तरह से सटीक बैठ रहा है। जो इंसानी फितरत पर प्रहार कर रहा है।
सोशल मीडिया पर जितनी वास्तविकता से भरी पोस्ट आती है उससे कई गुना पोस्ट झुठी भी होती है। जिससे कई लोग प्रभावित होकर नाहक ही परेशान होते है। यही नहीं संबधित का नाम व छवि दोनों बदनाम होती है। हालांकि शिकायतों पर कार्रवाई भी होती है किन्तु निशान बाकी रह जाते है।
ऐसा ही ताजा मामला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित पंडित रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी (कवि प्रदीप का असली नाम) को लेकर सामने आया है। जिसमें एक वृद्ध को कवि प्रदीप बताकर उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है।
कवि प्रदीप के नाम से प्रसारित होने वाले इस भ्रामक विडियो को लेकर कवि प्रदीप फाउण्डेशन की अध्यक्ष मितुल प्रदीप ने नाराजगी व्यक्त की है। कवि पं प्रदीप के पारिवारिक सदस्य नीतेश जोशी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया की सोशल नेटवर्क साईट पर एक विडियो प्रदीप जी के नाम से चल रहा है, जो गलत है। इसमें दिखाया व्यक्ति, कवि प्रदीप नहीं है।
कवि प्रदीप जी के नाम से जो जानकारी प्रसारित हो रही है वो भी कवि प्रदीप जी की विचारधारा से मेल भी नहीं खाती है। इस विडियो के संदर्भ मे कवि प्रदीप फाउण्डेशन की मितुल प्रदीप, डा. जयकिरण शोध संस्थान के प्रमोद त्रिवेदी, डॉ. दिनेश जोशी, वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी रतलाम, नीतेश जोशी आदि ने अनुरोध किया है कि इस विडियो को प्रचारित और प्रसारित ना करें।
दर्ज कराई आपत्ति
उपरोक्त भ्रामक विडियो को लेकर कवि प्रदीप की बेटी मितुल की आपत्ति सामने आई है। उनके द्वारा इस मामले में मुम्बई पुलिस व साईबर क्राइम शाखा से संपर्क कर वास्तविकता का पता लगाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। सुश्री मितुल का कहना है कि मेरे पिताजी को गुजरे को ही 24 साल हो गये है। जिन्होंने जीते जी इस प्रकार की कोई बात नहीं की।
नगरवासी अंचभित- कार्रवाई हो
यह खबर सामने आने के बाद नगरवासी भी अंचभित है। जिसकी नजरों में यह बात सामने आई है। उनका कहना है कि प्रमाणिकता के बीना यह विडियों प्रदीप जी के केप्शन के साथ चलाया जा रहा है। जिससे राष्ट्र से प्रेम करने वाले राष्ट्रीय कवि प्रदीप का नाम बदनाम हो रहा है जो कि सरासर गलत है। जिन्हे प्रदीप जी के बारे में जानकारी नही है वो यह विडियो देख कर और भ्रमित हो रहे है व होंगे। बिना जानकारी व सत्यता के अभाव में ऐसा कृत्य जुर्म की श्रेणी में आता है। और जिसके द्वारा यह जुर्म खुलेआम किया जा रहा है। उस पर कठौर कार्यवाही होना चाहिए।
क्या है विडियों में
3.13 मिनिट के वीडियो में वृद्ध द्वारा हिन्दू-मुस्लिम व देश विभाजन को लेकर प्रतिक्रिया दी जा रही है। जिसमे कहा जा रहा है कि 15 अगस्त, नाच कूदकर क्यों मनाते है। जबकि हमें (हिंदुओं को) मिला क्या। बंटवारा और वो भी गलत किया गया। 15 अगस्त तो शोक दिवस के रूप में मनाना चाहिए। देश से बड़ी कोई चीज नही है। वहीं नेहरू जी का नाम लेकर भी प्रतिक्रिया दी जा रही है। जो वृद्ध किसी भी प्रकार से कवि प्रदीप नहीं है। जबकी वीडियो के प्रारंभ में केप्शन में दर्शाया गया है कि दादा साहब फालके अवार्ड से सम्मानित कवि प्रदीप जी और नीचे लिखा है। चुभते सवाल- 15 अगस्त को क्या मिला था। हिन्दू हो तो विडियो को अवश्य सुने।