उज्जैन, अग्निपथ। पत्नी की मौत को आत्महत्या बताने वाले पति का झूठ पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आ गया था। बुधवार को न्यायालय ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं साक्ष्य छुपाने का दोषी करार दिया।
शादी के चार साल बाद ऋषिनगर में रहने वाले सोनू परमार की 25 दिसंबर 2019 को संदिग्ध मौत हो गई थी, पति और सास-ससुर ने फांसी लगाकर आत्महत्या करना बताया था। मायके से आई मां ने ससुराल वालों पर दहेज के लिये मारपीट करने का आरोप लगाया। माधवनगर पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट आने पर पता चला कि सोनू की मौत फांसी लगाने से नहीं गला दबाने से हुई थी।
पुलिस ने मामले में पति आशीष, ससुर गौरीशंकर और सास पुष्पा परमार के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छुपाने की धारा का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। ढाई साल चली सुनाई के बाद बुधवार को नवम अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।
उन्होंने आशीष को हत्या और साक्ष्य छुपाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। सास पुष्पा और ससुर गौरीशंकर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। प्रकरण में शासन का पक्ष सहायक जिला लोक अभियोजक बृजेश उपाध्याय ने रखा। जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने दी।
गोली चलाने वाले गार्ड को भेजा जेल
उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी में गोली चलाने वाले गार्ड को बुधवार दोपहर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जहां से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
मंगलवार को चिमनगंज कृषि मंडी में ट्रेक्टर-ट्राली की कतार लगवाने के दौरान किसानों और सिक्युरिटी गार्ड विजय ठाकुर के बीच विवाद हो गया था। गार्ड ने गोली चला दी थी, जिसके छर्रे लगने से किसान राकेश आंजना घायल हो गया था। चिमनगंज थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर रात में ही गार्ड को गिर तार कर लिया। जिसे दोपहर में न्यायालय पेश किया गया था। गार्ड का कहना कि हंगामा बढ़ता देख उसने भीड़ को अलग करने के लिये जमीन पर गोली चलाई थी।