जावरा तहसील के ग्राम परवलिया में प्रशासन की कार्रवाई
जावरा, अग्निपथ। तहसील के ग्राम परवलिया में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दबंगों के कब्जे से आदिवासियों की लगभग 45 बीघा भूमि को मुक्त कराया। उक्त जमीन उनके वास्तविक भू स्वामी आदिवासियों को वापस दिलाई गई है।
आदिवासी व्यक्ति की जमीन गैर आदिवासी व्यक्ति के नाम अंतरित की जाती है तो अंतरण के पूर्व सक्षम पदाधिकारी की अनुमति आवश्यक होती है। बगैर अनुमति किया गया अंतरण स्वयमेव में शून्य है। इसके चलते रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 50 में प्रदत्त शक्तियों के तहत आदेश पारित करते हुए करोड़ों रुपए मूल्य की लगभग 45 बीघा भूमि पुन: उनके वास्तविक स्वामी आदिवासियों के नाम दर्ज किए जाने का आदेश पारित किया गया है।
नाम बदलने वाले तत्कालीन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
एसडीएम जावरा द्वारा कलेक्टर को प्रतिवेदन दिया गया कि वर्ष 1960-61 के समय जो भूमि आदिवासियों के नाम थी, वर्तमान में वह गैर आदिवासियों के नाम चढ़ी हुई है और बगैर अनुमति के हस्तांतरण किया गया है। कलेक्टर द्वारा जांच प्रक्रिया के तहत पक्षकारों को नोटिस दिया गया, जवाब प्राप्त किए गए और वास्तविक भूमि स्वामियों के पक्ष में आदेश पारित किया जाकर भूमि पुन: आदिवासियों के नाम हस्तांतरित कर दी गई है।
इस प्रकार की गड़बड़ी तत्कालीन समय में जिन अधिकारियों द्वारा की गई थी उनके नाम शासन को प्रेषित किए गए हैं जिनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इन जमीनों को कराया अवैध कब्जे से मुक्त
प्राप्त जानकारी के अनुसार परवलिया की भूमि सर्वे नंबर 162 रकबा 3.920 हेक्टेयर भूमि समीउल्लाह पिता अमीर आजम खान के स्थान पर भुवान, अमरचंद पिता केशवराम के नाम दर्ज करने का आदेश पारित किया गया है।
- सर्वे नंबर 163 की भूमि मोईन पिता शेर मोहम्मद के स्थान पर अंबाराम पिता भैरव के नाम दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है।
- सर्वे नंबर 61 रकबा 6 बीघा भूमि दिलावर के स्थान पर नानूराम के नाम दर्ज होगी। वर्तमान भूमि स्वामी रईस पिता मीर आजम के स्थान पर उसे पुन: अंबाराम पिता भेरा के नाम दर्ज किया जाएगा।
- सर्वे नंबर 153, 154 रकबा 3.920 हेक्टेयर भूमि राजाराम, ओमप्रकाश एवं जरीन खान के स्थान पर अंबाराम पिता भैरा के नाम दर्ज की जाएगी।
- इसी प्रकार 0.640 हेक्टेयर भूमि मीर आजम खान के स्थान पर पूर्व भूमि स्वामी नानूराम के वारिस बालू, बंसी, परसराम, भगतराम के नाम दर्ज की जाएगी।