जांच दल ने नही किया भौतिक सत्यापन, जवाब देने से कतरा रहे अधिकारी
सुसनेर, अग्निपथ। जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच अधर में लटक गई है। जांचदल के सदस्य और पंचायतीराज के अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए है। मामले में अभी तक जांच दल द्वारा अभी तक कोई मनरेगा के तहत हुए कार्यो का कोई भौतिक सत्यापन भी नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से सुर्खिया बन रहे मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के मामले में समाचार पत्र के माध्यम से लगातार मामले को उठाया जा रहा है। जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा ने जांच टीम बनाकर जांच करने के आदेश जारी किए है। जिसमें रोजगार गारंटी योजना के जिला समन्वयक सामाजिक अंकेक्षण को जांच अधिकारी बनाकर जांच की जिम्मेदारी सौपी गई है।
जिसके बाद जिला समन्वयक द्वारा पत्र क्रमांक 15़18 से 1528 तक दिनांक 5 अप्रैल 2022 को जारी कर जनपद की ग्राम पंचायत जाख, परसुल्याकलॉ, निपानिया, पटपडा, साल्याखेडी और लालाखेडी सहित कुल 6 ग्राम पंचायतो के सचिव व रोजगार सहायकों को लिखित आदेश जारी करते हुए ग्राम पंचायत में पिछले तीन वर्षो में भारी भ्रष्टाचार कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुचाने का हवाला देते हुए ग्राम पंचायत में संचालित सभी प्रकार की योजनाओं में विगत तीन वर्षो में हुए आय- व्यय का पत्रक 12 अप्रैल तक प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे।
लेकिन जांच इस आदेश तक ही सीमित होकर रह गई है। अधिकारियों की ढीलपोल के चलते जांच इससे आगे बढ ही नही पाई है। इस संबंध में पूछे जाने पर अधिकारी जवाब देने से भी कतराते नजर आ रहे है। जब जांच दल के सदस्यो से इस संंबंध में बात की जाती है तो वह भी जांच की जानकारी को एक दुसरे ढोलकर टाल देते है।
30 करोड़ के भ्रष्टाचार की आशंका
बता दें कि जनपद पंचायतो की ग्राम पंचायतो में मनरेगा योजना में करीब 30 करोड का भ्रष्टाचार सामने आया है। जिसकी लिखित शिकायत ब्लॉक शहर कांग्रेस अध्यक्ष आशिक हुसेन बोहरा, जनपद पंचायत प्रधान सुनीता कृष्णचंद पाटीदार सहीत अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के जिम्मैदारो से की है। वही भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी अवगत कराया गया है। जिस पर दोनो दल के नेताओं ने मामले की जांच करवाकर कारवाई करवाने का आश्वासन दिया था।
इनका कहना
मनरेगा में भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। जांच दल में और भी सदस्य शामिल है। जिनके द्वारा जांच की जाना है। मनरेगा कार्यो का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही जांच पूरी होगी। इसलिए अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
– मनीष तंवर, जांच अधिकारी एवं सामाजिक अंकेक्षण अधिकारी, जिला पंचायत, आगर