दो साल बाद परंपरागत रूप से मनी शनिश्चरी अमावस्या, फव्वारों में पर्व स्नान

Shanishchari amavasya 30 4 22

त्रिवेणी-रामघाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने पनौती छोड़ दान-पुण्य किया, महाकालेश्वर मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

उज्जैन, अग्निपथ। दो साल बाद शुरू हुई पंचक्रोशी यात्रा के पश्चात मोक्षदायिनी शिप्रा के घाट पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। वैशाख मास में शनिश्चरी अमावस्या और पंचक्रोशी यात्रा के समापन का संयोग होने से रात से ही त्रिवेणी संगम सहित रामघाट व अन्य घाटों पर स्नान करने वाले पहुंचने लगे थे। शिप्रा में स्नान का सिलसिला रात्रि 12 बजे से शुरू हुआ जो शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने पनौती छोडक़र भगवान शनिदेव के दर्शन के पश्चात दान पुण्य किया गया।

शनिश्चरी अमावस्या के पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन हाईअलर्ट पर रहा। त्रिवेणी घाट पर पर्व स्नान के लिए प्रशासन द्वारा फव्वारे लगाए गए थे। हजारों की संख्या में पंचक्रोशी यात्रियों ने रात्रि 12 बजे से ही पर्व स्नान शुरू कर दिया था। स्नान के बाद लोगों ने पनौती के रूप में कपड़े और जूते-चप्पल छोड़े। नवग्रह शनि मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए लंबी कतार लगी रही।

रामघाट पर भी स्नान का क्रम अलसुबह से ही शुरू हो गया था। हालांकि यहां पर अपेक्षाकृत भीड़ कम रही। लेकिन श्रद्धालुओं ने मां शिप्रा के आंचल में स्नान कर शनिश्चरी अमावस्या पर होने वाले स्नान की परंपरा का निर्वहन किया। पंचक्रोशी यात्रियों के साथ ही आसपास के अंचल से भी शनिश्चरी अमावस्या का स्नान करने के लिए लोग बसों-टे्रनों से उज्जैन शहर में पहुंच चुके थे।

पुलिस प्रशासन ने भी चाकचौबंद व्यवस्था कर रखी थी। दो साल बाद पर्व स्नान करने के बाद श्रद्धालु काफी प्रसन्न नजर आए। उनका कहना था कि कोरोना के कारण दो साल तक वे पवित्र पुण्य सलिला मां शिप्रा में स्नान नहीं कर पाए। आगे भी ऐसा ही हो ऐसी प्रार्थना उन्होंने शनि महाराज से की है।

बाजारों में भीड़, खरीदारी के लिए उमड़े

पिछले दो दिन से पुराने शहर के गोपाल मंदिर, ढाबा रोड, कंठाल, तेलीवाड़ा चौराहा पर लगातार जाम की स्थिति पैदा हो रही थी। यह जाम पंचक्रोशी यात्रियों के नगर आगमन के कारण हो रही थी। शनिवार को भी बड़ी संख्या में पंचक्रोशी यात्रियों का आगमन शहर में होता रहा। पंचक्रोशी यात्रा से लौटे श्रद्धालुजनों ने गोपाल मंदिर से अपने लिए आवश्यक सामानों की खरीदारी भी की। भीड़ देखकर व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए थे।

पनौती का लगा ढेर, नीलामी होगी

श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद अपनी कपड़े और जूते चप्पल घाट पर ही छोड़ दिए। इनको नगरनिगम के कर्मचारी लगातार प्रयास कर उठाकर एक जगह पर जमा करते रहे। जिसके चलते घाटों पर कीचड़ का आलम उपस्थित नहीं हो सका। इन कपड़ों और जूते चप्पलों के ढेर की नीलामी प्रशासन करवाएगा। आज सुबह नगर निगम द्वारा इन्हें यहाँ से हटवा लिया जाएगा।

महाकालेश्वर मंदिर में उमड़ा सैलाब

श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से ही पंचक्रोशी यात्रियों का सैलाब उमड़ता रहा। रामघाट पर स्नान करने के बाद श्रद्धालु सीधे भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंच रहे थे। श्रद्धालुओं को 4 नंबर गेट के बेरिकेड्स से प्रवेश दिया जा रहा था। श्रद्धालुओं की लाइन लगातार चल रही थी। हालांकि एक भी जगह पर यात्री रुके नहीं। लगातार प्रवेश के कारण कर्मचारी भी दोपहर तक थकान का अनुभव करने लगे थे। मंदिर परिसर सहित 5 नंबर गेट पर भीड़ का सिलसिला बना हुआ था।

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