उज्जैन,अग्निपथ। बदमाशों के मकान तोडऩे की मुहिम के दौरान गुरुवार को दो रोचक घटनाएं हुई। नगर निगम गलतफहमी में एक किराएदार को मालिक समझ मकान तोडऩे पहुंच गई। लोगों के विरोध से सच सामने आने पर कार्रवाई रोकना पड़ी। दूसरा मामला भी महाकाल क्षेत्र का है। यहां एक रिकार्डशुदा ने नोटिस मिलने पर डर के कारण अपना मकान खुद तोड़ दिया।
उपकेश्वर मंदिर के पास खंदार मोहल्ला निवासी मंजूर उर्फ चकवा पर सट्टे के आठ केस दर्ज हैं। आदतन सटोरिया होने से पुलिस प्रशासन ने उसका मकान तोडऩा तय कर नाम नगर निगम को भेज दिया। निगम अधिकारियों ने बिना जांच सात दिन पहले नोटिस भेज दिया और गुरुवार सुबह पुलिस फोर्स के साथ मकान तोडऩे पहुंच गए। यहां निगम अमले द्वारा ताला तोड़ते ही मकान मालिक प्रकट हो गया। बताया मकान उसका है, मंजूर का नहीं। पुलिस प्रशासन के नहीं मानने पर लोगों ने जमकर हंगामा कर दिया। मकान मालिक ने दस्तावेज दिखाए कि मकान सायरा बी के नाम है। मंजूर का भाई किराएदार है। उसे मकान नहीं बेचा है। नतीजतन प्रशासन को कार्रवाई रोकना पड़ी। सर्वविदित है 18 नवंबर से चल रही मुहिम के दौरान पुलिस प्रशासन 12 दर्जन बदमाशों के मकान व दो मिलावटखोरों की फैक्ट्री जमींदोज कर चुका है।
अनुबंध के कारण बचे
सूत्रों की माने तो सायरा बी ने मंजूर से मकान का सौदा कर दिया है, लेकिन किसी कारण रजिस्ट्री नहीं हुई। मंजूर के परिजनों ने पहले इस अनुबंध का सहारा लेकर विरोध किया, लेकिन मौके पर मौजूद टीआई जितेंद्र भास्कर, रविंद्र यादव,एसआई गगन बादल ने उनकी नहीं चलने दी। बाद में दस्तावेजों में सायरा बी का नाम होने से अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।
नुकसान के डर से खुद का मकान तोड़ा
पुलिस प्रशासन की मुहिम के चलते निगम ने महाकाल क्षेत्र के मुस्तिकीम को भी नोटिस दिया था। आरोप है वह परिवार सहित गांजा बेचने के धंधे में लिप्त है इसलिए उसे नोटिस दिया गया था, लेकिन जेसीबी से अधिक नुकसान की संभावना देख गुरुवार सुबह मुस्तकिम ने परिवार के साथ अपना मकान तोडऩा शुरू कर दिया। यह देख प्रशासन ने उसके मकान की कार्रवाई फिलहाल टाल दी।
इनका कहना है
नगर निगम ने मंजूर का मकान चिन्हित किया था। आपत्ति आने पर निगम जांच कर रहा है।मकान मालिक का नाम स्पष्ट होने पर कार्रवाई करेंगे। गांजा बेचने के आरोपी मुस्तकिम ने नोटिस मिलने पर खुद ही अपना मकान तोड़ दिया। -रविंद्र वर्मा,सीएसपी महाकाल
जिला प्रशासन द्वारा भेजी सूची अनुसार नोटिस दिया था। स्वामित्व मामले में अंतर होने पर कार्रवाई स्थगित की है। दस्तावेज मांगे है। परिक्षण के बाद कार्रवाई करेंगे। -पीयूष भार्गव, प्रभारी कार्यपालन यंत्री जोन -5
निगम ने सात दिन पहले नोटिस दिया, लेकिन हमे नहीं। बिना सूचना के ताले तोडक़र नुकसान किया, इसलिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेंगे। -सैयद अली हदिस, सायरा बी के परिजन