बेरोजगारी के चलते बनाई थी योजना, बंगला देख फेंका था पत्र
उज्जैन, अग्निपथ। पत्र लिखकर 50 लाख की फिरौती मांगने वाले देवास के 2 बदमाशों को देवास से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को न्यायालय में पेश कर सोमवार को जेल भेज दिया गया। बेरोजगारी के चलते दोनों ने योजना बनाई थी।
नानाखेड़ा टीआई ओपी अहीर ने बताया कि 25 अप्रैल की रात बसंत विहार में रहने वाले सियाराम पिता प्रहलाद पाटीदार के मकान पर किसी ने लिफाफा पत्थर में लपेटकर फेंका था। सियाराम ने लिफाफा देख खोला तो उसमें लिखा था कि तू हारे सारे राज जानता हूं। अगर 50 लाख नहीं दिये तो पूरे परिवार को जान से मार खत्म कर देंगे। पुलिस को जानकारी दी तो अंजाम बुरा होगा।
पत्र देख परिवार घबरा गया। मामले की शिकायत थाने पहुंचकर की गई। परिवार खेती किसानी करता है और आलिशान मकान बना रखा है। 50 लाख की फिरौती का मामला संगीन होने पर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गये, जिसमें एक संदिग्ध दिखाई दिया। कुछ दूरी पर जाने के बाद वह बाइक सवार के साथ देवासरोड की ओर जाता दिखाई दिया। बाइक का नबर ट्रेस करने के लिये स्मार्ट सिटी के कैमरों की मदद ली गई।
नम्बर सामने आते ही पुलिस की एक टीम देवास जिले के क्षिप्रा भेजी गई। जहां से बाइक चालक महेश पिता रामचरण (20) को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया। उसने अपने साथी योगेश पिता रामचंद्र (35) देवास के साथ मिलकर पत्र फेंकने की बात कबूल कर ली। योगेश को हिरासत में लेकर थाने लाया गया। जहां दोनों ने फिरौती मांगने की बात कबूल कर ली। मामला दर्ज कर दोनों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से जेल भेजा गया है।
बस में रख देना पार्सल
योगेश काफी शातिर दिमाग है। उसने पत्र में मुस्लिम शब्दों का उपयोग किया था और अंत में लिखा था कि 29 अप्रैल की शाम पैसो का पार्सल बस में रख देना। वह 29 अप्रैल को नजर रखने के लिये वापस आने वाले थे।
बेरोजगारी के चलते मांगी फिरौती
योगेश ने कबूल किया कि वह बेरोजगार है। वहीं महेश मजूदरी करता है, वह 25 अप्रैल को आये थे। बंसत विहार में चार घंटे तक घूमे और बड़े-बड़े मकानों को देखा। उन्हे एक मकान काफी आलिशान दिखा। लगा कि मकान में रहने वालों के पास काफी पैसा होगा। जिसके चलते पत्र फेंका था। उन्हे लगा था कि परिवार पत्र देखकर डर जाएगा और पैसे उनके बताये अनुसार पहुंचा देगा।