उज्जैन, अग्निपथ। जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एकाग्रता का होना बहुत आवश्यक है और मन तभी एकाग्र होता है जब हम जीवन में शास्त्रीय संगीत के महत्व को स्वीकार करते हैं। नियमित रूप से शास्त्रीय संगीत का श्रवण मन को विशेष एकाग्रता देता है। आकर्षक भवन, बड़ी गाडिय़ां और विभिन्न चकाचौंध की वस्तुएं सिर्फ बाहरी खुशी दे सकती है किंतु भीतर की खुशी तभी मिलती है जब हम कला के क्षेत्र को विशेष रूप से शास्त्रीय गीत, नृत्य या संगीत को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना लेते हैं।
उक्त विचार स्पिक मैके के संस्थापक डॉ. किरण सेठ ने बुधवार को उज्जैन प्रवास के दौरान भारतीय कॉलेज में छात्राओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। डॉ. किरण सेठ युवाओं में भारतीय संगीत संस्कृति को प्रसारित करने एवं साईकिल के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से संपूर्ण देश में साइकिल यात्रा पर निकले हैं और वर्तमान में उज्जैन में है।
छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. सेठ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक साईकिल का प्रयोग करना चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षित रह सके। मन में धैर्य और विश्वास रखना बहुत आवश्यक है। यह दो ऐसे मंत्र है जो जीवन में उच्च सफलता तक पहुंचाते हैं। इस अवसर पर स्पीक मैके के उज्जैन को-ऑर्डिनेटर पंकज अग्रवाल एवं श्रीमती अग्रवाल भी उपस्थित थे।
अतिथि का स्वागत संस्था की डायरेक्टर श्रीमती अमृता कुलश्रेष्ठ, एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. गिरीश पंड्या, प्राचार्य डॉ. नीलम महाडिक ने किया। कार्यक्रम का संचालन कुमारी प्रियांशी बोड़ाना ने किया तथा आभार डॉ. रेहाना शेख ने माना।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पद्मश्री डॉ. किरण सेठ ने दोपहर 1 बजे देवास रोड स्थित एमआईटी एवं एमआईटीएम के छात्रों को संबोधित किया। यहां पर अतिथि परिचय डॉ. विवेक बनसोड़ ने दिया व आभार एमआईटीएमके डायरेक्टर जेएन व्यास ने माना।