जैसे वेद, पुराण, ज्योतिष, शास्त्र, वास्तु वैसे ही तंत्र-मंत्र-यंत्र, अघोरी विध्या- पं. अजय व्यास

देश दुनिया अनिष्टकारी ग्रह की युक्ती मंगल शनि सूर्य चंद्र ग्रहण के कारण अभिचार कर्म तंत्र मंत्र से पीडि़त

उज्जैन, अग्निपथ। जिस प्रकार वेद, पुराण, ज्योतिष, शास्त्र, वास्तु उसी तरह तंत्र-मंत्र-यंत्र, अघोरी विध्या वाम मार्गी, दक्षिण मार्गी मारण मोहन स्तंभन नाथ संप्रदाय के गुरु गोरखनाथ द्वारा बनाया गया तंत्र मंत्र का उपयोग भी प्राचीन काल से किया जाता है। वैदिक पुराण सात्विक तंत्रोक्त भी किया जाता है जिसके असर ज्योतिष शास्त्र में ग्रह से समझें जा सकते हैं।

उक्त बात ज्योतिर्विद पं. अजय व्यास ने कही। पं. व्यास ने बताया कि देश दुनिया में युध्द, भीषण अग्निकांड, दंगे, उपद्रव, लूटपाट, वैमनस्यता जब तक मंगल शनि राहु ग्रह साथ है इनका प्रभाव रहेगा। नकारात्मक अनिष्टकारी दोष गोचर में व्यक्ति अभिचार कर्म अर्थात तंत्र काला जादू मारण मोहन स्तंभन से पीडि़त चल रही है। रुस के सरकारी अखबार में युक्रेन देश पर आरोप लगाया है कि वह रूस और पुतिन सेना के खिलाफ काले जादू का प्रयोग कर रहा है।

काले जादू अर्थात नकारात्मक तंत्र-मंत्र से ग्रसित व्यक्ति के कुछ साधारण लक्षण हैं जैसे मानसिक अवरोध, श्वांसों में भारीपन तथा तेज चलना, गले में खिंचाव, जांघ पर नीले रंग के निशान बिना किसी चोट के, घर में बिना किसी विशेष कारण के कलह या लड़ाई-झगड़ा, घर के किसी सदस्य की अप्राकृतिक मृत्यु, व्यवसाय में अचानक हानि का होना आदि। कुछ और लक्षण भी हैं जैसे कि हृदय में भारीपन महसूस होना, निद्रा पर्याप्त न आना, किसी की मौजूदगी का भ्रम होना, कलह आदि साधारणतया देखने में आते हैं। व्यक्ति अशांत सा रहता है तथा उसको किसी भी तरह से शांति नहीं मिलती। निराशा, कुंठा तथा उत्साह की कमी भी इसी का परिणाम है।

यदि काले जादू का समय रहते उपाय न किया जाए तो यह अत्यंत विनाशकारी, भयानक तथा घातक हो सकता है। जिसके परिणामस्वरूप जातक की जिंदगी तबाह तथा बर्बाद हो सकती है या फिर उसे कोई भयानक बीमारी अपने अधिन कर सकती है। जादू का प्रयोग दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने या चोट पहुंचाने के लिए कुछ विशेष तरह की क्रियाओं के द्वारा सम्पन्न किया जाता है मारण मोहन स्तृंभन इस प्रथा का प्रभाव हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति पर भी देखा जा सकता है। कुंडली में ग्रहों के विशेष संयोग से व्यक्ति काले जादू के प्रभाव में आता हैं।

पं. व्यास के अनुसार वर्तमान ग्रहो के गोचर कुंभ राशि में मंगल शनि साथ चल रहे हैं राहु मेष राशि में अभिचार योग दोष चल रहा है सुर्य ग्रहण अमावस्या को था चंद्र ग्रहण आ रहा है यदि कुंडली में सूर्य, चंद्र, शनि, मंगल ग्रह विशेष भावों में राहु-केतु ग्रहण से पीडि़त होते हैं तभी नकारात्मक तंत्र-मंत्र व्यक्ति पर असर डालते हैं। जिस व्यक्ति का लग्न व मेष राशि कृतिका नक्षत्र में सूर्य राहु ग्रहण कमजोर होता हैं। चन्द्र ग्रहण आगामी 16 मई को तंत्र क्रिया के प्रभाव जब काला जादू अघोरी विध्या अधिक प्रभाव डालती है सावधानी समाधान भी जरूरी है।

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