विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के सामने ही हो गए बाल विवाह

जनसुनवाई में हुई शिकायत

देवास, अग्निपथ। मप्र सरकार ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है और इस विभाग द्वारा कई बार इस तरह के बाल विवाह रुकवाए भी गए है, किंतु विजयागंज मंडी क्षेत्र में तो विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के सामने ही सिर्फ तीन बाल विवाह हो गए। बल्कि 7 संतान के पिता ने एक झूठा शपथ पत्र भी महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा है, जिसमें स्वयं की मात्र दो संतानें होना बताई है। इसी तरह तीन संतान वाले पिता ने भी दो संतान होने का शपथ पत्र दिया है। इन झूठे शपथ पत्रों पर विभाग ने भरोसा भी कर लिया है। इस मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला की जनसुनवाई में हुई है, जिसकी अब जांच होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता उदयसिंह ने कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि विजयागंज मंडी क्षेत्र में रहने वाले रमेश नाथ की 7 संतानें है, जिसकी सातवीं संतान को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता जाटव व सुपरवाइजर सीमा वर्मा ने मिलकर लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ दिलाया था। इसी तरह रमेश नाथ की तीसरी बालिका विद्या को भी इस योजना का अवैधानिक रूप से लाभ दिलाया गया। अब चूंकि इस मामले की शिकायत हुई और कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश दिए गए। जिस पर जांच समिति ने जब विजयागंज मंडी जाकर जांच की तो शिकायत सही पाई गई और सुपरवाइजर सीमा वर्मा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता जाटव की नौकरी खतरे में पड़ गई।

इसी खतरे को टालने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सुपरवाइजर एक के बाद एक गलती करती जा रही है। हाल ही में उन्होंने अपात्र हितग्राही रमेश नाथ व शेरू नाथ से झूठे शपथ पत्र लिए है, जिसमें अपनी दो-दो संतान होना बताया है। जबकि वास्तविकता कुछ ओर ही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि कलेक्टर द्वारा जिस दल ने जांच की थी, उसकी जांच रिपोर्ट में शेरू नाथ की 7 बच्चे होना पाया गया था व रमेश नाथ के 3 बच्चे होना पाए गए, तो फिर अब हितग्राही किस आधार पर दो-दो संतान होने का शपथ पत्र प्रस्तुत कर रहे है।

यदि जांच दल की रिपोर्ट सही है तो फिर हितग्राही द्वारा दिए गए शपथ पत्र गलत साबित हो सकते है और ऐसे में वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है और यदि शपथ पत्र सही है तो जांच दल का प्रतिवेदन गलत होगा, तो फिर जांच दल पर भी निलंबन की गाज गिर सकती है।

बाले-बाले हो गए तीन बाल विवाह

जिस विभाग को बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई उसकी विभाग की सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने अपने क्षेत्र में तीन बाल विवाह अपनी मौन सहमति से करवा गए। इस मामले की भी लिखित शिकायत उदयसिंह द्वारा जनसुनवाई में की गई है, जिसमें बताया गया कि विजयागंज मंडी क्षेत्र में शेरू नाथ ने अपनी तीन नाबालिग लड़कियों का दो सप्ताह पूर्व विवाह करवा दिया।

शिकायतकर्ता उदयसिंह ने अपनी शिकायत में यह भी स्पष्ट किया है कि समग्र पोर्टल पर शेरू नाथ की तीन बेटियों की उम्र क्रमश: 12, 13 एवं 15 वर्ष दर्ज है। ऐसे में इनका बाल विवाह होना साबित हो रहा है। अब यह पूरा मामला जांच का विषय बन गया है।

क्या कहना है जिम्मेदारों का

इस संबंध में महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी श्रीमती रेलम बघेल से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि वे किसी विवाह कार्यक्रम के कारण अवकाश पर हैं, इसलिए उन्हें इस मामले का पता नहीं चला है और ना ही मेरे पास कोई शिकायत आई है।

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